नागपुर: महाराष्ट्र में नागपुर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए शहर में भिखारियों द्वारा भीख मांगने पर रोक लगाने का फैसला किया है। बताया जा रहा है कि बुधवार को नागपुर पुलिस ने भिखारियों को शहर के यातायात चौराों पर इकट्ठा होने और अनधिकृत रूप फुटपाथ पर कब्जा करने पर रोक लगा दी है। ऐसा पहली बार है जब पुलिस प्रशासन ने भिखारियों के सार्वजनिक स्थान पर भीख मांगने पर रोक लगाई है।
नागपुर पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया है कि भिखारियों द्वारा मोटर चालकों और अन्य राहगीरों को परेशान करने, यातायात और पैदल चलने वालों के लिए बाधा पैदा करना और उपद्रव करने की घटनाओं के मद्देनजर इस आदेश को जारी किया जा रहा है।
धारा 144 लागू
भिखारियों के भीख मांगने पर रोक लगाने के लिए आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत जारी की गई है। ये धारा पुलिस आयुक्त को उपद्रव और खतरे की आशंका के तत्काल मामलों से निपटने के लिए निर्देश जारी करने का अधिकार देती है।
धारा 144 के तहत किसी भी सार्वजनिक स्थान पर चार से अधिक लोग एक साथ खड़े नहीं हो सकते हैं। इस आदेश का उल्लंघन करने वालों के लिए सजा का ऐलान भी किया गया है। आदेश का उल्लंघन करने वालों को एक महीने या छह महीने की जेल की सजा का प्रावधान किया गया है।
नागपुर पुलिस ने कहा कि आदेश का उद्देश्य जनता के लिए उपद्रव और खतरे के मामलों को रोकना और नागपुर में सुचारू यातायात प्रवाह और पैदल चलने वालों की आवाजाही को बनाए रखना है। जानकारी के अनुसार, धारा 144 के तहत ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को सार्वजनिक स्थानों, घरों, शादी समारोहों और अन्य कार्यक्रमों में उगाही करने के लिए जाने से रोकने के लिए किया गया है।
आदेश में कहा गया है कि ट्रांसजेंडर समुदाय को स्वैच्छिक दान और निमंत्रण की अनुमति होगी, और वे आजीविका और जीवन के अधिकार के रूप में घर के मालिकों या आयोजकों की सहमति से इसमें शामिल हो सकते हैं या प्रदर्शन कर सकते हैं। ट्रांसजेंडर बनकर उगाही करने वालों पर भी पुलिस ने शिकंजा कसा है।
गौरतलब है कि ट्रैफिक सिग्नल और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर भिखारियों द्वारा उन्हें होने वाली असुविधा, परेशानी और डराने-धमकाने को लेकर लोग लगातार पुलिस से शिकायत कर रही थी। लगातार इन शिकायतों के मिलने के बाद पुलिस ने इतना बड़ा कदम उठाया है।