जम्मू और कश्मीर में इस साल उत्साह के साथ मनाई गई महाराजा हरि सिंह की 130वीं जयंती, जानें उनके बारे में
By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: September 30, 2024 12:29 IST2024-09-30T12:27:52+5:302024-09-30T12:29:11+5:30
जम्मू और कश्मीर में इस साल जम्मू-कश्मीर रियासत के अंतिम डोगरा शासक महाराजा हरि सिंह की 130वीं जयंती 23 सितंबर को उत्साह के साथ मनाई गई। इससे पहले राज्य में आर्टिकल 370 के कारण लंबे समय तक महाराजा हरि सिंह की विरासत का उत्सव सार्वजनिक रूप से नहीं मनाया जाता था।

जम्मू और कश्मीर में इस साल उत्साह के साथ मनाई गई महाराजा हरि सिंह की 130वीं जयंती
Birth anniversary of Maharaja Hari Singh: जम्मू और कश्मीर में इस साल जम्मू-कश्मीर रियासत के अंतिम डोगरा शासक महाराजा हरि सिंह की 130वीं जयंती 23 सितंबर को उत्साह के साथ मनाई गई। इससे पहले राज्य में आर्टिकल 370 के कारण लंबे समय तक महाराजा हरि सिंह की विरासत का उत्सव सार्वजनिक रूप से नहीं मनाया जाता था। लेकिन इस बार, पूरे क्षेत्र में हर वर्ग के लोगों ने एक साथ आकर हाराजा हरि सिंह की 130वीं जयंती को उत्सव की तरह मनाया।
इस अवसर पर, युवा राजपूत सभा ने जम्मू शहर में एक विशाल रैली निकाली, जबकि विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक समूहों ने अपने समय के महान समाज सुधारक महाराजा को श्रद्धांजलि देने के लिए सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित किए। बंटालाब से तवी पुल तक एक विशाल मोटर रैली निकाली गई जो 10 किलोमीटर से अधिक की दूरी तक चली।
श्री अमर क्षत्रिय (राजपूत) सभा ने महाराजा हरि सिंह पार्क में जयंती मनाई। इसमें भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और जम्मू-कश्मीर के प्रभारी तरुण चुघ मुख्य अतिथि थे। डोगरा सदर सभा (डीएसएस) ने महाराजा हरि सिंह की जयंती को जम्मू के डोगरा हॉल स्थित सभा भवन में "सामाजिक न्याय दिवस" के रूप में मनाया। सामाजिक सुधार और धर्मार्थ संगठन (एसआरसीओ) ने आशियाना अनाथालय किश्तवाड़ के विशेष बच्चों के साथ महाराजा हरि सिंह का जन्मदिन मनाया। महाराजा की जयंती सांबा, कठुआ और उधमपुर समेत कई अन्य जिलों में भी मनाई गई।
कौन थे जम्मू-कश्मीर रियासत के अंतिम डोगरा शासक महाराजा हरि सिंह
महाराज हरि सिंह का जन्म 23 सितंबर 1895 को जम्मू में हुआ था। वह जम्मू और कश्मीर रियासत के अंतिम शासक महाराज थे। वे महाराज रणबीर सिंह के पुत्र और पूर्व महाराज प्रताप सिंह के भाई, राजा अमर सिंह के सबसे छोटे पुत्र थे। इन्हें जम्मू-कश्मीर की राजगद्दी अपने चाचा, महाराज प्रताप सिंह से विरासत में मिली थी।
महाराजा हरि सिंह के बारे में कुछ खास बातेंः
महाराजा हरि सिंह, महाराज रणबीर सिंह के बेटे और पूर्व महाराज प्रताप सिंह के भाई थे।
उन्होंने अपने चाचा महाराज प्रताप सिंह की मृत्यु के बाद 1925 में जम्मू-कश्मीर की राजगद्दी संभाली थी।
उन्होंने अपने शासनकाल में कई समाज सुधारक काम किए. उन्होंने प्राथमिक शिक्षा को अनिवार्य करवाया, बाल विवाह पर रोक लगाई, और दलितों के लिए कई सुविधाएं मुहैया कराईं।
उन्होंने जम्मू-कश्मीर बैंक और जम्मू-कश्मीर एंपोरियम की स्थापना की।
उन्होंने श्रीनगर और जम्मू में दो बड़े अस्पताल भी बनवाए।
महाराज हरि सिंह ने षि भूमि को गैर-किसानों को बेचने पर रोक लगाई और किसानों को साहूकारों से बचाने के लिए कानून बनाए।
26 अक्टूबर, 1947 को उन्होंने भारत में विलय के समझौते पर हस्ताक्षर किए।
जून, 1952 में भारत सरकार ने राजशाही को खत्म कर दिया और महाराजा हरि सिंह के शासन को खत्म कर दिया गया।
महाराज हरि सिंह का निधन 26 अप्रैल, 1961 को मुंबई में हुआ था।