रीवा:मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार को शर्मसार करने वाला एक वीडियो सामने आया है, जो यह पूछने पर मजबूर कर रहा है कि आखिर यह किस तरह का सुशासन है, जिसमें एक मृत मां के शव को घर ले जाने के लिए चार बेटियों को चारपाई का सहारा लेना पड़ा और वो तपती हुई घूप में पैदल ही मां के शव को लेकर घर गईं लेकिन उन्हें अस्पताल प्रशासन की ओर से शव वाहन नहीं दिया गया।
जानकारी के मुताबिक 80 साल की मोलिया केवट की तबियत बिगड़ने पर उनकी बेटियों ने एंबुलेंस बुलाई। लेकिन जब एंबुलेंस नहीं आयी तो मोलिया की चार बेटियों ने उन्हें किसी तरह से अस्पताल पहुंचाया।
अस्पताल में डॉक्टरों ने चेक करने के बाद बुजुर्ग मोलिया को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद चारों बेटियां मां के शव के पास बिलखने लगीं। यह घटना रायपुर कर्चुलियान पंचायत क्षेत्र की है।
सूचना के मुताबिक अस्पताल के कर्मचारियों ने रोती हुई बेटियों से कहा कि वो बुजुर्ग महिला के शव को घर लेकर जाएं। लेकिन उन्होंने इसके लिए शव वाहन नहीं दिया। इस कारण मजबूर मृत मोलिया की चारों बेटियों को तपती धूप में खटिया पर शव लादकर 5 किलोमीटर दूर घर ले जाने के लिए पैदल ही मशक्कत करनी पड़ी।
इस दर्दनाक वीडियो ने शिवराज सरकार के सिस्टम और इंसानियत की पोल खोल दी है। जानकारी के मुताबिक इस वाकये के बाद मामले में प्रतिक्रिया देते हुए रीवा के सीएमएचओ डॉक्टर बीएल मिश्रा ने कहा कि जिले में शव वाहन नहीं है। जिसके कारण मृतकों के परिजनों को भारी सामना करना पड़ता है। लेकिन इसके साथ ही डॉक्टर बीएल मिश्रा ने बड़े गैर जिम्मेदाराना तरीके से यह भी कहा कि यह इतनी बड़ी बात नहीं है, जिसको सोशल मीडिया पर इतना तूल दिया जा रहा है।
घटना के प्रत्यक्षदर्शी लोगों ने बताया कि शव ले जाते समय रास्ते में रायपुर कर्चुलियान थाना भी पड़ा लेकिन थाने के पुलिसकर्मियों ने उनकी कोई मदद नहीं की और उल्टा तमाशबीन बने रहे।
कुछ बाइक सवारों ने बेटियों के द्वारा खटिया पर मां का शव ले जाते देखकर मामले की जानकारी ली और उसका वीडियो बना लिया। सबसे बड़ा प्रश्न तो यही उठता है कि लोग वीडियो तो बना लेते हैं लेकिन ऐसे दुख भरे समय में कोई भी मदद के लिए आगे क्यों नहीं आता है।
बताया जा रहा है कि रीवा जिला मुख्यालय में सिर्फ रेडक्रॉस शव वाहन देता है औक बाकी अन्य स्वास्थ्य केंद्रों पर शव वाहन की कोई व्यवस्था नहीं है। मौत के बाद परिजनों को अपने बूते ही शव को लेकर घर वापस जाना पड़ता है।