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पांच साल बाद पाकिस्तान की जेल से रिहा हो भारत लौटा जितेंद्र, खुशी से उछल पड़े परिजन

By रामदीप मिश्रा | Updated: May 3, 2018 16:34 IST

जितेंद्र अर्जुनवार साल 2013 में घर से भागकर भटकते हुए राजस्थान पहुंचा, वहां से वह पाकिस्तान की सीमा में चला गया। जितेंद्र का भाई भरत बरघाट में मैकेनिक का काम करता है।

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भोपाल, 3 मईः मध्यप्रदेश के जिले से सटे सिवनी जिले के बरघाट में एक सूचना ने लोगों की खुशियां बढ़ा दी हैं। दरअसल, मामला ऐसा है कि साल 2013 से पाकिस्तान की जेल में बंद जितेंद्र अर्जुनवार को रिहा कर दिया गया है और वह उसके घर पहुंचने के बाद पूरे इलाके  में खुशी दौड़ गई। लंबे समय से उसकी रिहाई की राह देख रहे मां व भाई-बहन खुशी से झूम उठे। परिजनों का कहना है कि उनके पास कोई शब्द नहीं है खुशी का इजहार करने के लिए। 

गौरतलब हो कि विगत वर्ष जितेंद्र को वापस लाने के लिए स्थानीय रहवासियों ने  प्रदर्शन भी किया था, जिसके बाद जिला पुलिस अधीक्षक तरुण नायक ने पूरी जानकारी लेने के बाद आगे बढ़कर रूचि दिखाई और अब आज ऐसी स्थति बन गयी कि जितेंद्र के वापसी का रास्ता साफ हुआ। बरघाट स्थित जितेंद्र के घर पहुंचकर पुलिस ने उसकी रिहाई का जानकारी दी थी और गुरुवार को जितेंद्र पाकिस्तान की जेल से आजाद होकर भारत-पाकिस्तान के वाघा बॉर्डर से स्वदेश पहुंच गया।  

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हालांकि, पुलिस ने बुधवार को ही उसके परिजनों से कहा था कि वे लोग जितेंद्र को लाने के लिए तैयार रहें, जैसे ही सूचना आएगी उनको ले जाया जाएगा। जितेंद्र की रिहाई की खबर लगने के बाद सगे संबंधियों के अलावा अन्य लोग भी उसके घर पहुंच रहे हैं। 

आपको बता दें कि जितेंद्र अर्जुनवार साल 2013 में घर से भागकर भटकते हुए राजस्थान पहुंचा, वहां से वह पाकिस्तान की सीमा में चला गया। जितेंद्र का भाई भरत बरघाट में मैकेनिक का काम करता है। बताया जाता है कि जितेंद्र एनीमिया की बीमारी से पीडि़त है। उसका पाकिस्तान की जेल में इलाज किया गया है। वह पाकिस्तान के कराची जिले के मलिर सर्किल जेल में बंद रहा है। 

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जितेंद्र ठीक से चल नहीं पाता है जिस कारण ही उसे बैसाखी का सहारा लेना पड़ रहा है। यह जानकारी मिलने के बाद परिजन उसकी बीमारी को लेकर चिंतित हैं। परिजनों ने जितेंद्र के भारत वापस लौटते ही सरकार से उसके इलाज का बीड़ा उठाने की मांग की है। (भोपाल से सुधीर शर्मा की रिपोर्ट)

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