मध्य प्रदेश में सियासी उठापठक: बीजेपी के 2 विधायक रात को कमलनाथ से मिले, कांग्रेस-बीजेपी में MLA को तोड़ने की साजिश
By पल्लवी कुमारी | Updated: March 6, 2020 09:33 IST2020-03-06T09:33:05+5:302020-03-06T09:33:05+5:30
विधायक हरदीप सिंह डंग के इस्तीफे पर मध्य प्रदेश बीजेपी प्रमुख वी.डी. शर्मा ने कहा, ''यह दर्शाता है किस प्रकार से राज्य में कांग्रेस सरकार में कांग्रेस के विधायक ही पीड़ित और प्रताड़ित हैं।''

कमलनाथ और दिग्विजय सिंह (फाइल फोटो)
भोपाल: मध्य प्रदेश कांग्रेस के विधायक हरदीप सिंह डंग ने विधानसभा सदस्य के पद से अपना इस्तीफा दे दिया है। इस खबर के बाद से ही मध्य प्रदेश की राजनीति में बीती रात (5 मार्च) को सियासी हलचल दिखी। हरदीप सिंह डंग का इस्तीफा पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। हरदीप सिंह डंग के इस्तीफे के बाद दावा किया जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) के दो विधायक बीती रात मुख्यमंत्री कमलनाथ से मिले। मैहर सीट से बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी कैबिनेट मंत्री सुरेंद्र सिंह के साथ कमलनाथ के घर पहुंचे थे। उसके बाद रात करीब एक बजे बीजेपी के एक अन्य विधायक संजय पाठक भी कमलनाथ के आवास से बाहर निकलते हुए देखे गए थे। राज्य में पिछले एक महीने से कांग्रेस और बीजेपी विधायकों को तोड़ने की साजिश में लगे हैं। दोनों पार्टियां विधायकों को तोड़ने का एक-दूसरे पर आरोप लगा रही है।
कमलनाथ ने कहा- मुझे विधायक हरदीप सिंह डंग का इस्तीफा पत्र नहीं मिला है
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कांग्रेस के विधायक हरदीप सिंह डंग के इस्तीफे पर कहा है, ''मुझे हरदीप सिंह डंग के इस्तीफे के बारे में जानकारी मिली है। मुझे अभी तक उनसे कोई पत्र नहीं मिला है और न ही इस मामले पर चर्चा की गई है। जब तक मैं उनसे व्यक्तिगत रूप से नहीं मिलूंगा तब तक इस पर टिप्पणी करना उचित नहीं होगा।''
मध्य प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष, एन.पी. प्रजापति ने कहा, ''मुझे हरदीप सिंह डंग के इस्तीफे की खबर मिली। उन्होंने मुझे व्यक्तिगत रूप से अपना इस्तीफा नहीं दिया है। जब वे अपना इस्तीफा मुझे सौंपेंगे, तो मैं इसपर नियमानुसार विचार करूंगा और जरूरी कार्रवाई करूंगा।''
बीजेपी ने कांग्रेस विधायक के इस्तीफे पर कसा तंज
विधायक हरदीप सिंह डंग के इस्तीफे पर मध्य प्रदेश बीजेपी प्रमुख वी.डी. शर्मा ने कहा, ''यह दर्शाता है किस प्रकार से राज्य में कांग्रेस सरकार में कांग्रेस के विधायक ही पीड़ित और प्रताड़ित हैं। यह सरकार भ्रष्टाचार में डूबी हुई है। ये अंतर्विरोध और अंतर्कलह से ग्रस्त सरकार है, जिसका अंत आज दिखाई दे रहा है।
मध्य प्रदेश में सत्ता का गणित समझिए
मध्य प्रदेश में 220 विधायक हैं और बहुमत का आंकड़ा 110 है। ऐसे में अगर कांग्रेस पार्टी के 8 विधायक इस्तीफा देते हैं तो उसकी संख्या घटकर 106 हो जाएगी। बीजेपी के पास अभी 107 विधायक हैं। बीजेपी के दो विधायक जो कल कमलनाथ से मिलने गए थे वह कांग्रेस में शामिल हो जाते हैं तो बीजेपी के पास 105 विधायक रह जाएंगे। इस तरह कांग्रेस के 106 विधायक और बीजेपी के 105 विधायक हो जाएंगे। ऐसे में 7 अन्य विधायकों यह तय करेंगे मध्य प्रदेश में किसकी सरकार रहेगी।