मध्य प्रदेशः कांग्रेस नेता ने दी 500 लोगों के साथ सामूहिक इस्तीफे की धमकी, प्रेस नोट में रखी ये शर्त
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 30, 2019 11:40 AM2019-08-30T11:40:07+5:302019-08-30T11:44:27+5:30
कांग्रेस ने 2019 लोकसभा चुनावों के दौरान सिंधिया को पश्चिमी उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया था लेकिन वहां कांग्रेस का खराब प्रदर्शन रहा। इसके साथ ही सिंधिया मध्यप्रदेश में अपनी परम्परागत लोकसभा सीट गुना-शिवपुरी से भी इस बार चुनाव हार गये।
मध्य प्रदेश दतिया जिले के कांग्रेस नेता अशोक दांगी ने 500 लोगों के साथ सामूहिक इस्तीफे की धमकी दी है। उन्होंने शुक्रवार को एक प्रेस नोट जारी करके कहा कि अगर ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रदेश की राजनीति से दूर रखा गया तो वो 500 लोगों के साथ पार्टी से इस्तीफा देंगे।
दांगी ने अपनी प्रेस नोट में लिखा, 'यदि मध्य प्रदेश की राजनीति से सिंधिया को दूर किया गया तो पांच सौ लोगों के साथ दूंगा कांग्रेस से इस्तीफा।'
दांगी ने लिखा, 'आज प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनाने में एक चमत्कारी एवं करिश्माई व्यक्तित्व की कड़ी मेहनत एवं अथक परिश्रम है तो वह ज्योतिरादित्य सिंधिया का है। उनके सराहनीय योगदान को कांग्रेस के शीर्ष नेताओं को भूलना नहीं चाहिए।' इस प्रेस नोट में कई लोगों के हस्ताक्षर किए गए हैं।
Congress leader Ashok Dangi from Datia, Madhya Pradesh has issued a press note saying, "if Jyotiraditya Scindia is kept away from state politics then he (Dangi) along with 500 people will resign from the party." pic.twitter.com/n83LKXTmfm
— ANI (@ANI) August 30, 2019
इससे पहले मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री इमरती देवी ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को आगामी महाराष्ट्रविधानसभा चुनाव के लिये स्क्रीनिंग कमेटी के प्रमुख की जिम्मेदारी सौंपे जाने पर असंतोष जताते हुए कहा कि उन्हें मध्य प्रदेश की जिम्मेदारी दी जानी चाहिए थी। कांग्रेस हाईकमान ने ज्योतिरादित्य सिंधिया ने महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिये सक्रीनिंग कमेटी का हाल में अध्यक्ष नियुक्त किया है।
कांग्रेस पार्टी के इस निर्णय पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए महिला एवं बाल कल्याण मंत्री इमरती देवी ने शुक्रवार शाम को यहां मीडिया से कहा, ‘‘मैं खुश नहीं हो सकती हूं। महाराज (सिंधिया) जाने, और उनकी सरकार जाने, राहुल गांधी जी जाने। म उन्होंने कहा, ‘‘...इसलिये खुश नहीं, काहे की जिम्मेदारी… जिम्मेदारी देना है तो मध्यप्रदेश की दें, तब जिम्मेदारी मानी जायेगी। कौन पूछ रहा है उधर।’’