मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को शिक्षा विभाग में लंबे समय से मांग कर रहे अध्यापकों की मांग पूरी करने का ऐलान किया है। उन्होंने अस्थायी अध्यापकों के अलग-अलग संवर्गों की शिक्षा विभाग में विलय करने की घोषणा की। इस ऐलान से प्रदेश के लगभग 2.84 लाख शिक्षकों को फायदा हो मिलेगा।
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक मुख्यमंत्री ने शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि 'शिक्षकों के अलग-अलग संवर्गों का शिक्षा विभाग में विलय होगा। उन्होंने कहा कि इस प्रदेश के नियमित शिक्षकों को जो सुविधाएं मिलती हैं, वह अब इन अध्यापकों को भी मिलेगी। बता दें कि अभी हाल ही में कुछ आंदोलनकर्ता महिला शिक्षकों ने अपने बाल तक मुंडवा लिए थे,इसके बाद अब जाकर शिवराज सरकार ने इस मामले में फैसला लिया है।
जानें क्या है पूरा मामला
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शिक्षकों को 25 प्रतिशत आरक्षण देने की घोषणा की थी। इसके बाद लगभग 50 हजार से ज्यादा अतिथि शिक्षक विरोध में उतर आए थे। इन्होनें 100 प्रतिशत आरक्षण की मांग रखी थी। आंदोलनकर्ताओं में आंगनबाड़ी कर्मी और आशा कर्मी भी शामिल थे।
शिक्षक संघों का कहना था कि समान शिक्षा नीति नहीं होने की वजह से अव्यवस्था का माहौल है। इन्होनें यह भी कहा कि 'हमने बहुत बार सरकार से बातचीत की कोशिश की है लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकला है।'समान कार्य के लिए समान वेतन और उचित ट्रांसफर पॉलिसी जैसी चीजों को लेकर यह शिक्षक आंदोलन कर रहे थे।