मध्यप्रदेश में संख्या बल के आगे नतमस्तक होते हुए पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश की जनता से माफी मांग ली है। बुधवार को राज्यपाल आनंदी बेन पटेले को अपना इस्तीफा सौंपने के बाद उन्होंने कहा, "मैं जानबूझकर कभी किसी का दिल नहीं दुखाता। यह मेरे दिल को गंवारा नहीं है। लेकिन फिर भी अगर प्रदेश में किसी का दिल दुखा है तो उसके लिए मैं क्षमा मांगता हूं।"
उन्होंने पत्रकारों के सवालों के जवाब देते हुए अपने कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि वह आगे भी प्रदेश की सेवा करते रहेंगे। उनके साथ प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह भी मौजूद रहे। राकेश सिंह ने इस मौके पर कहा कि प्रदेश की कार्यकर्ताओं ने अथक मेहनत की, वे सभी का आभार व्यक्त करते हैं।
इस्तीफा देने के बाद चौहान ने मीडिया से कहा, ‘‘इस्तीफा देकर आया हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पराजय की जिम्मेदारी सिर्फ मेरी, मेरी और मेरी है।’’ चौहान ने कहा, ‘‘जनता का भरपूर प्यार भी मिला। कार्यकर्ताओं का भरपूर प्यार भी मिला। वोट भी हमें (कांग्रेस से) थोड़ा ज्यादा मिल गये, लेकिन संख्या बल में (कांग्रेस से) पिछड़ गये। इसलिए मैं संख्या बल के सामने शीश झुकाता हूं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने फैसला किया है कि स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने के कारण हम सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करेंगे।’’ चौहान ने कहा, ‘‘(मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष) कमलनाथ को (कांग्रेस की जीत के लिए) मैंने शुभकामनाएं दी हैं। बधाई दी है।’’
मध्यप्रदेश विधानसभा की 230 सीटों के लिए नवंबर 28 को हुए मतदान की मंगलवार को मतगणना हुई। इसमें प्रदेश में त्रिशंकु विधानसभा बनी है। कांग्रेस 114 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी उभर कर आई है, जो बहुमत के 116 के जादुई आंकड़े से दो सीट कम है। लेकिन समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और निर्दलीय विधायकों के सहयोग से कांग्रेस सरकार बनाने जा रही है।
जबकि भाजपा 109 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर है। राज्य में बसपा को दो और सपा को एक सीट मिली है। दोनों ही पार्टियों ने बुधवार की सुबह कांग्रेस को समर्थन देने की घोषणा कर दी है।