मानधन घोटाला: परीक्षक के मानधन से जुड़े दस्तावेज हुए गायब!
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: July 24, 2019 08:18 AM2019-07-24T08:18:50+5:302019-07-24T08:18:50+5:30
पिछले दो माह से अधिकारियों की ओर से यही जवाब दिया जा रहा है, जबकि अधिकारियों के पास परीक्षकों का रिकॉर्ड होता है. उन्होंने कितने परीक्षकों को मानधन दिया है और किन लोगों के प्रलंबित हैं, इसकी पूरी जानकारी होती है.
राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग की गोपनीय शाखा से परीक्षकों के मानधन से जुड़े दस्तावेज गायब हो गए हैं. यही वजह है कि अब तक कितने परीक्षकों को मानधन दिया गया है, कितने को देना बाकी है, इसकी कोई जानकारी गोपनीय शाखा के अधिकारियों के पास नहीं है.
जिससे यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि कितने परीक्षकों को मानधन दिया गया है और कितने परीक्षकों को मानधन दिया जाना बाकी है. 'लोकमत समाचार' ने इस संबंध में गोपनीय शाखा के संबंधित अधिकारियों से संपर्क किया. साथ ही उनसे इस संबंध में पूछताछ की. अधिकारियों का कहना है कि वे अभी पता लगा रहे हैं.
दिलचस्प बात यह है कि पिछले दो माह से अधिकारियों की ओर से यही जवाब दिया जा रहा है, जबकि अधिकारियों के पास परीक्षकों का रिकॉर्ड होता है. उन्होंने कितने परीक्षकों को मानधन दिया है और किन लोगों के प्रलंबित हैं, इसकी पूरी जानकारी होती है. यही जानकारी ऑडिट के दौरान प्रस्तुत करनी होती है. जिससे अधिकारियों को दो माह से मानधन से जुड़े दस्तावेज नहीं मिलना कई सवाल खड़े कर रहा है.
साथ ही परीक्षकों के मानधन में हुए घोटाले का संदेह और गहरा रहा है. मामले की पड़ताल के दौरान तमिलनाडु के एक विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर के मामले का भी खुलासा हुआ. सूत्रों के मुताबिक इस प्रोफेसर ने विवि की एक परीक्षा के प्रश्न पत्र तैयार किए थे. प्रश्न पत्र भेजने के साथ ही उन्होंने बैंक डिटेल्स भी भेजी थी ताकि उन्हें मानधन का भुगतान हो सके. लेकिन तीन साल से उन्हें राशि नहीं दी गई.