मार्च 2020 से लॉटरी पर 28 प्रतिशत की दर से लगेगा एकसमान कर, जानिए पहली बार क्यों हुआ मतदान
By भाषा | Updated: December 18, 2019 21:19 IST2019-12-18T21:18:38+5:302019-12-18T21:19:15+5:30
राज्यों के बीच मतैक्य नहीं हो पा रहा था और बहुमत से लॉटरी पर 28 प्रतिशत की एक समान दर से जीएसटी लगाने का निर्णय हुआ। इससे पहले परिषद की 37 बैठकों में एकमत से निर्णय लिये जाते रहे। सूत्रों ने बताया कि 38वीं बैठक में जब लॉटरी पर कर का मुद्दा रखा गया राज्यों में मतैक्य का अभाव रहा।

लॉटरी उद्योग लंबे समय से 12 प्रतिशत की दर से एकसमान कर लगाने तथा पुरस्कार की राशि को करमुक्त करने की मांग कर रहा था।
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने बुधवार को पहली बार किसी मुद्दे पर निर्णय लेने के लिये मतदान का सहारा लिया और लॉटरी पर कर को लेकर यह नौबत आयी।
इस मुद्दे पर राज्यों के बीच मतैक्य नहीं हो पा रहा था और बहुमत से लॉटरी पर 28 प्रतिशत की एक समान दर से जीएसटी लगाने का निर्णय हुआ। इससे पहले परिषद की 37 बैठकों में एकमत से निर्णय लिये जाते रहे। सूत्रों ने बताया कि 38वीं बैठक में जब लॉटरी पर कर का मुद्दा रखा गया राज्यों में मतैक्य का अभाव रहा।
इस कारण मामले में बहुमत से निर्णय लेने के लिये मतदान का सहारा लिया गया। सूत्रों ने कहा कि लॉटरी पर एक मार्च से 28 प्रतिशत की दर से एकसमान कर प्रभावी होगा। अभी लॉटरी पर कराधान में दो तरह की व्यवस्था है। इसके तहत लाटरी की राज्य में बिक्री पर 12 प्रतिशत और राज्य के बाहर की बिक्री पर 28 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाया जाता है।
Finance Minister Nirmala Sitharaman on deviating from tradition of not voting in council: Every attempt was made to keep tradition alive but eventually council was reminded that tradition was not part of rulebook. It was not imposed by council or me but on a request from a member https://t.co/9VplTLJWiNpic.twitter.com/nXxKx8hJ9O
— ANI (@ANI) December 18, 2019
उन्होंने बताया कि 21 राज्यों ने 28 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाने का समर्थन किया, जबकि सात राज्यों ने इसका विरोध किया। लॉटरी उद्योग लंबे समय से 12 प्रतिशत की दर से एकसमान कर लगाने तथा पुरस्कार की राशि को करमुक्त करने की मांग कर रहा था।
उसका कहना था कि दोहरे कर से लॉटरी उद्योग की वृद्धि पर असर पड़ रहा है। जीएसटी परिषद ने लॉटरी पर कर को लेकर राज्यों में मतैक्य लाने के लिये महाराष्ट्र के पूर्व वित्त मंत्री सुधीर मुंगंतिवार की अध्यक्षता में मंत्रियों के आठ सदस्यीय समूह का गठन किया गया था। परिषद ने जुलाई की बैठक में इसे लेकर अटॉर्नी जनरल से भी न्यायिक राय लेने का निर्णय लिया था।