श्रीनगर, 10 सितंबरः जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) अध्यक्षा महबूबा मुफ्ती ने धारा 35-ए मामले को लेकर खुद को पंचायत चुनाव से अलग रखने का फैसला लिया है। वहीं, इससे पहले जम्मू कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला नाराजगी जाहिर कर पंचायत चुनाव का बहिष्कार करने की बात कह चुके हैं।
महबूबा ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट में पंचायत चुनावों को 35-ए मामले के तहत जोड़ दिया गया है, इस स्थिति ने लोगों के दिमाग में आशंका पैदा की है। इसलिए पार्टी ने सरकार से चुनाव कराने के अपने फैसले की समीक्षा करने के लिए कहा है।
इससे पहले महबूबा मुफ्ती धमकी दे चुकी हैं कि अगर धारा 370 और 35-ए हटाया गई तो अच्छा नहीं रहेगा। ऐसी स्थिति में भारत से जम्मू-कश्मीर रिश्ते खत्म कर लेगा। 370 और 35-ए राज्य की एक अलग पहचान है जिसे हर हाल में बचाए रखा जाएगा। मुख्यमंत्री पद खोने के बाद पहली बार राजौरी के दौरे पर आई पीडीपी अध्यक्ष ने कहा की राज्य के हालात सामान्य करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अटल बिहारी वाजपेयी बनना पड़ेगा, जिसके लिए पाकिस्तान से बात करना जरूरी है।
वहीं, फारूक अब्दुल्ला भी कह चुके हैं कि जब तक भारत सरकार और राज्य सरकार इस संबंध में अपनी स्थिति को मंजूरी दे देती हैं कि जम्मू-कश्मीर पर अनुच्छेद 35-ए लागू है और उसके लिए अदालत में और उसके अंदर अनुच्छेद 35-ए की सुरक्षा के लिए प्रभावी कदम उठाती है तब तक पार्टी चुनाव बहिष्कार का अपना निर्णय नहीं बदलेगी।
याद रहे नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने 3 सिंतबर को अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) द्वारा उच्चतम न्यायालय में दलील दी गयी थी। इस दलील में संविधान के अनुच्छेद 35-ए में एक पहलू लिंग भेदभाव की अलोचना की गई थी।