नई दिल्ली: सर्वाधिक विश्वसनीय और प्रतिष्ठित ‘लोकमत’ संसदीय पुरस्कारों का पांचवां पुरस्कार समारोह आज दिल्ली में आयोजित किया जा रहा है। इसमें केंद्रीय सड़क परिवहन और राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के हाथों पुरस्कारों का वितरण किया जाएगा। आठ अलग-अलग श्रेणियों में इस साल यानी 2023 के ‘लोकमत’ संसदीय पुरस्कारों के लिए 8 सांसदों का चयन किया गया है।
राज्यसभा से समाजवादी पार्टी के नेता प्रो. रामगोपाल यादव, बीजू जनता दल के डॉ. सस्मित पात्रा, भाजपा की सरोज पांडे और माकपा के जॉन ब्रिटास को पुरस्कृत किया जाएगा। लोकसभा से डॉ. शशि थरूर, पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी, अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल और बसपा के कुंवर दानिश अली को उनके योगदान के लिए चुना गया है।
पुरस्कार वितरण समारोह मंगलवार को नई दिल्ली में जनपथ रोड पर स्थित डॉ. आंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में संपन्न होने जा रहा है। इसमें महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, डॉ. फारूक अब्दुल्ला, डॉ. सुभाष कश्यप, पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल और केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास आठवले मौजूद रहेंगे।
लोकमत पार्लियामेंटरी अवार्ड समिति के अध्यक्ष एवं लोकसभा के पूर्व महासचिव एवं संविधान विशेषज्ञ डॉ. सुभाष कश्यप की अध्यक्षता वाली जूरी ने संसदीय पुरस्कारों के लिए राज्यसभा और लोकसभा से चार-चार सांसदों का चयन किया। इस जूरी में लोकमत मीडिया समूह के एडिटोरियल बोर्ड के चेयरमैन एवं पूर्व सांसद डॉ. विजय दर्डा, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीररंजन चौधरी, सांसद भवतृहरि महताब, सांसद सी. आर. पाटिल, सांसद एन. के. प्रेमचंद्रन, सांसद तिरुचि शिवा, सांसद डॉ. रजनी पाटिल, एबीपी न्यूज के कार्यकारी उपाध्यक्ष राजीव खांडेकर और लोकमत समूह के राष्ट्रीय संपादक हरीश गुप्ता शामिल थे।
‘लोकमत’ संसदीय पुरस्कारों के विजेताओं का चयन करने के लिए जूरी पैनल ने वर्ष 2023 के दौरान लोकसभा के साथ-साथ राज्यसभा में सभी सांसदों के प्रदर्शन का अध्ययन किया। संसद के दोनों सदनों में सांसदों के सकारात्मक प्रदर्शन की समीक्षा करने और उन्हें वर्ष के दौरान प्रोत्साहित करने के लिए 2017 में ‘लोकमत’ संसदीय पुरस्कार की अवधारणा अस्तित्व में आई। तत्कालीन उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने पुरस्कार प्रदान किए। उसके बाद कोरोना संकट के कारण वर्ष 2020 और 2021 में पुरस्कार समारोह आयोजित नहीं किया जा सका। 2022 के विजेता सांसदों को पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ‘लोकमत’ संसदीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
लोकमत नेशनल कॉन्क्लेव
‘लोकमत’ संसदीय पुरस्कार वितरण समारोह से पहले मंगलवार को सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक ‘लोकमत’ नेशनल कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया है। ‘धर्म और जाति में उलझा लोकतंत्र’ विषय पर विभिन्न राजनीतिक दलों के वरिष्ठ नेता अपने विचार रखने वाले हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े, नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष, सांसद, पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला, दिल्ली की शिक्षा, लोकनिर्माण और बिजली मंत्री आतिशी, कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी वक्ताओं में शामिल हैं। पुरस्कारों का ब्यौरा इस प्रकार है -
लाइफ टाइम अचीवमेंट
मनेका गांधी, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद लोकसभाप्रो. रामगोपाल यादव, नेता, समाजवादी पार्टी, राज्यसभा
सर्वश्रेष्ठ सांसद
डॉ. शशि थरूर, कांग्रेस, लोकसभाडॉ. सस्मित पात्रा, बीजू जनता दल, राज्यसभा
सर्वश्रेष्ठ महिला सांसद
हरसिमरत कौर बादल, अकाली दल, लोकसभासरोज पांडे, भाजपा, राज्यसभा
सर्वश्रेष्ठ नवांतुक सांसद
कुंवर दानिश अली, बसपा, लोकसभाडॉ. जॉन ब्रिटास, माकपा, राज्यसभा
पिछले विजेता
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, ‘भारत रत्न’ लालकृष्ण आडवाणी, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राकांपा अध्यक्ष शरद पवार, डॉ. मुरली मनोहर जोशी, स्व. मुलायम सिंह यादव, गुलामनबी आजाद, भातृहरि महताब, सौगत राय, स्व. शरद यादव, सीताराम येचुरी, जया बच्चन, तिरुचि शिवा, निशिकांत दुबे, सुप्रिया सुले, हेमामालिनी, भारती पवार, सुष्मिता देव, मीनाक्षी लेखी, डॉ. रजनी पाटिल, डेरेक ओ’ब्रायन, वंदना चव्हाण, मनोज झा, असदुद्दीन ओवैसी, तेजस्वी सूर्या, लॉकेट चटर्जी, एन. के. प्रेमचंद्रन, रमा देवी, कनिमोली, छाया वर्मा, विप्लव ठाकुर, कहकशा परवीन को ‘लोकमत’ संसदीय पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।