नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव 2024 को ध्यान में रखते हुए सभी मंत्रियों को दोटूक कहा है कि वो अपने किसी भी कार्य में कोई शिथिलता न बरतें। पीएम मोदी का मानना है कि आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर कोई भी मंत्री या भाजपा नेता किसी काम को अधूरा न छोड़े और उसे जल्द से जल्द पूरा करते हुए जनता के बीच उन कार्यों को लेकर जाएं।
समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार भले ही अयोध्या में श्री रामजन्मभूमि मंदिर के अभिषेक समारोह से उत्तर भारत के हिंदी पट्टी में भाजपा के प्रति लोगों का नजरिया सकारात्म बना हो लेकिन प्रधानमंत्री मोदी व्यावहारिक रूप से यह चाहते हैं कि केंद्र सरकार के हर मंत्रालय के मंत्री अपने कार्यों को समय से पूरा करें, जिससे पार्टी के लिए आगामी लोकसभा चुनाव के लिए बेहतर माहौल बने।
जानकारी के अनुसार पीएम मोदी चाहते हैं कि केंद्रीय मंत्री सरकार के प्रति जनता के सत्ता समर्थक मूड के बारे में आश्वस्त होने की बजाय केवल और केवल अपने काम पर फोकस करें। पीएम मोदी ने अपने मंत्रियों से कहा है कि जब तक उनका कार्य पूरा नहीं हो जाता तब तक वो आराम से न बैठें। पीएम मोदी को इस बात का अंदेशा है कि मंत्री और पार्टी के नेता जीत के प्रति आश्वस्त होकर लापरवाह हो सकते हैं।
इस लोकसभा चुनाव में भाजपा ने अपने कार्यकर्ताओं को एक स्वर में "अबकी बार 400 पार" का नारा दिया है लेकिन बावजूद इसके पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह 400 की संख्या को लेकर बेहद चिंतित हैं। यही कारण है कि भाजपा ने बिहार में जेडीयू के साथ समझौता किया और पार्टी 400 सीच लाने के लिए किसी भी लाभकारी गठबंधन के साथ कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है।
भाजपा का बिहार में जेडीयू और ओडिशा में बीजेडी के साथ सकारात्मक भावनाएं जुड़ी हैं लेकिन पीएम मोदी इस सोच में बिल्कुल स्पष्ट है कि ओडिशा के कद्दावर नेता नवीन पटनायक भाजपा से अपनी दूरी बनाए रखेंगे हालांकि सीएम पचनायक को कांग्रेस की दरबारी संस्कृति से भी उतना ही परहेज है।
देश की बढ़ती अर्थव्यवस्था और वैश्विक आर्थिक दबदबे के साथ मोदी सरकार द्वारा किए गए चौतरफा काम के बावजूद भाजपा को 400 की संख्या सुनिश्चित करने के लिए अपने "पन्ना प्रमुखों (चुनावी सूची आयोजकों) पर निर्भर रहना होगा कि वो पार्टी के समर्थकों को मतदान केंद्र तक पहुंचाएं और मतदान सुनिश्चित कराएं। यही कारण है कि पीएम मोदी अपने मंत्रियों को यह सोचकर समय बर्बाद नहीं करने के लिए कह रहा हैं कि वो तीसरी बार भी सत्ता में आ रहे हैं।
उनका मानना है कि भले ही विपक्षी गठबंधन इंडिया आज की तारीख में अव्यवस्थित दिखाई दे रहा है, लेकिन सबसे बड़े अल्पसंख्यक समुदाय सहित विपक्षी गठबंधन के समर्थकों की बड़ी संख्या भाजपा के 400 की संख्या पर भारी पड़ सकती है क्योंकि कांग्रेस समेत विपक्ष का उद्देश्य संख्या बल के आधार पर भाजपा के सरकार गठन को रोकने का है और उसे सत्ता से बाहर करने का है।