संबलपुर: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को ओडिशा में बीजद नीत सरकार पर तीखा हमला बोला और कहा कि मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ओडिशा पर 'बाबू शाही' थोप रहे हैं और उड़िया लोगों की गरिमा को ठेस पहुंचा रहे हैं।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार संबलपुर में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करते हुए शाह ने कहा, "बीजेडी सरकार ओडिशा को बर्बाद कर रही है। नवीन बाबू ओडिशा पर 'बाबू शाही' थोप रहे हैं और ओडिया लोगों के सम्मान को चोट पहुंचा रहे हैं। नवीन बाबू ओडिशा की संस्कृति और गौरव का 'गला घोंट' रहे हैं।"
उन्होंने कहा कि ओडिशा में प्रचुर खनिज संपदा और मेहनती युवा हैं, लेकिन यहां मेहनती मुख्यमंत्री का अभाव है। उन्होंने कहा, "ओडिशा एक बहुत ही खूबसूरत जगह है, यहां लंबी तटरेखा है, ढेर सारी खनिज संपदा है और मेहनती युवा हैं लेकिन एक चीज की कमी है तो वह है एक मेहनती मुख्यमंत्री। यहां के लोग बीजेपी की सरकार बनाएं, हम एक मेहनती युवा सीएम देंगे।"
अमित शाह ने कहा, "विडंबना यह है कि ओडिशा भारत के सबसे समृद्ध राज्यों में से एक है और यहीं पर सबसे गरीब लोग रहते हैं! नवीन बाबू इस खनिज संसाधन समृद्ध उत्कल भूमि को लूटने और नष्ट करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।"
ओडिशा सरकार पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा, "बीजेडी सरकार पर्यटन के नाम पर श्रीजगन्नाथ मंदिर की संस्कृति और परंपरा को नष्ट कर रही है। वह इस श्रीक्षेत्र को एक वाणिज्यिक केंद्र में बदलना चाहती है।"
लोकसभा में जीत का भरोसा जताते हुए गृह मंत्री ने कहा कि पांचवें चरण का मतदान संपन्न होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सीटें 310 के पार पहुंच गई हैं। उन्होंने कहा, "इस बार ओडिशा में विधानसभा और लोकसभा दोनों चुनावों में कमल खिलेगा। 5 चरणों के बाद मोदी जी 310 सीटों को पार कर गए हैं। आपको विधानसभा चुनावों में 75 से अधिक सीटें लाकर यहां कमल खिलाना है।"
मालूम हो कि भाजाप ने केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को संबलपुर लोकसभा क्षेत्र से चुनावी मैदान में उतारा है, जिनका सीधा मुकाबला बीजेडी के प्रणब प्रकाश दास से है। बीजेडी शासित राज्य में विधानसभा और लोकसभा चुनाव चार चरणों में हो रहे हैं। यहां 13 मई से 1 जून तक अलग-अलग चरणों में वोटिंग होगी और वोटों की गिनती 4 जून को होगी।
साल 2019 के पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेडी ने 146 में से 112 सीटें जीती थीं। बीजेपी ने 23 सीटें जीतीं और कांग्रेस को नौ सीटें मिलीं। वहीं लोकसभा चुनावों में बीजेडी ने बेहतरीन प्रदर्शन किया था, जबकि भाजपा और कांग्रेस पीछे रही थीं। बीजेडी ने लोकसभा की 12 सीटें जीतीं, बीजेपी ने 8 सीटें जीती थीं और कांग्रेस को सिर्फ एक सीट मिली थी।