Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा ने संगठन में किया बदलाव, चार प्रदेश अध्यक्ष के बाद मप्र, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना चुनाव प्रभारी नियुक्त, देखें लिस्ट
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 7, 2023 10:16 PM2023-07-07T22:16:13+5:302023-07-07T22:24:10+5:30
Lok Sabha Elections 2024: केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव को मध्य प्रदेश, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी को राजस्थान, वरिष्ठ नेता ओम प्रकाश माथुर को छत्तीसगढ़ और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को तेलंगाना का चुनाव प्रभारी नियुक्त किया गया है।
Lok Sabha Elections 2024: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और तेलंगाना के आगामी विधानसभा चुनावों के लिए शुक्रवार को केंद्रीय प्रभारियों व सह-प्रभारियों की नियुक्ति की। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले, इन राज्यों में इस साल के अंत तक चुनाव होने हैं।
पार्टी की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव को मध्य प्रदेश, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी को राजस्थान, वरिष्ठ नेता ओम प्रकाश माथुर को छत्तीसगढ़ और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को तेलंगाना का चुनाव प्रभारी नियुक्त किया गया है।
हरियाणा के कुलदीप बिश्नोई को राजस्थान का सह-प्रभारी बनाया गया
गुजरात के पूर्व उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल और हरियाणा के कुलदीप बिश्नोई को राजस्थान का सह-प्रभारी बनाया गया है, जबकि केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया को छत्तीसगढ़ का सह-प्रभारी नियुक्ति किया गया है। पार्टी ने केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव को मध्य प्रदेश का और भाजपा महासचिव सुनील बंसल को तेलंगाना का सह-प्रभारी नियुक्त किया है।
मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली सरकार सभी मोर्चों पर विफल रही
तेलंगाना का चुनाव प्रभारी नियुक्त किए जाने के थोड़ी ही देर बाद जावड़ेकर ने कहा कि तेलंगाना में लोग भाजपा के पक्ष में है, जहां राज्य की स्थापना के बाद से लगभग 10 वर्षों से भारत राष्ट्र समिति सत्ता (बीआरएस) में है। उन्होंने कहा, ‘‘हम जीतने के लिए चुनाव में जा रहे हैं।’’ उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली सरकार सभी मोर्चों पर विफल रही है।
जावड़ेकर ने विश्वास जताया कि भाजपा के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष जी किशन रेड्डी और उनके सह-प्रभारी बंसल के अलावा अन्य पदाधिकारियों सहित संगठन की ‘बहुत ऊर्जावान’ टीम भाजपा को जीत दिलाएगी। बंसल पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव हैं और उन्हें अपने चुनावी कौशल के लिए जाना जाता है। उन्हें उत्तर प्रदेश में संगठन में काम करने का अनुभव है।
केंद्रीय मंत्री जोशी को भी संगठन में काम करने का खासा अनुभव
उत्तर प्रदेश में भाजपा की लगातार हो रही जीत में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण मानी जाती है। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के हाथों मिली हार के बाद भाजपा ने अगले साल लोकसभा चुनाव से पहले विधानसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए अपने प्रयास तेज कर दिए हैं। केंद्रीय मंत्री जोशी को भी संगठन में काम करने का खासा अनुभव है।
वह 2022 में उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के चुनाव प्रभारी थे। भाजपा ने इस चुनाव को जीतकर लगातार दूसरी बार सरकार बनाई। कर्नाटक से ताल्लुक रखने वाले जोशी उत्तराखंड चुनावों के दौरान स्थानीय क्षत्रपों की खींचतान से निपटने में सफल रहे थे और इसके लिए उनकी राजनीतिक समझदारी को श्रेय दिया गया था।
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भाजपा की मुख्य चुनौती कांग्रेस है
जोशी ने चुनाव में पुष्कर सिंह धामी की हार के बावजूद उन्हें राज्य का मुख्यमंत्री बनाए रखने के प्रयास का समर्थन किया था। केंद्रीय मंत्री यादव पहले भी कई राज्यों के चुनाव प्रभारी रह चुके हैं। इन चुनावों में अपने प्रदर्शन के बाद वह संगठन में एक प्रमुख रणनीतिकार के रूप में उभरे हैं।
माथुर की गिनती भाजपा के अनुभवी नेताओं में होती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब वह उस राज्य के प्रभारी हुआ करते थे। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भाजपा की मुख्य चुनौती कांग्रेस है वहीं तेलंगाना में बीआरएस सत्ता में है और एक मजबूत ताकत है।
भाजपा केंद्रीय प्रभारी और सह-प्रभारियों की नियुक्ति करती
पड़ोसी राज्य कर्नाटक में मनोबल बढ़ाने वाली जीत के बाद कांग्रेस भी तेलंगाना में अपनी खोई जमीन वापस पाने के लिए पूरी ताकत से जुटी है। मध्य प्रदेश में भाजपा और राजस्थान व छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सत्ता में है। प्रत्येक राज्य के विधानसभा चुनाव से पहले, भाजपा केंद्रीय प्रभारी और सह-प्रभारियों की नियुक्ति करती है।
प्रभारी व सह प्रभारी चुनावी राज्यों के पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठकें करते हैं और चुनावी रणनीति को धार देने में भूमिका निभाते हैं। चुनाव के दौरान उम्मीदवारों के चयन में भी उनकी अहम भूमिका होती है। प्रभारी और सह-प्रभारी राज्य नेतृत्व व केंद्रीय नेतृत्व के बीच सेतु का काम भी करते हैं।