लोकसभा चुनाव 2019 के आखिरी चरण से पहले ही कांग्रेस ने गठबंधन के संकेत दे दिए हैं। पार्टी के वरिष्ट नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि कांग्रेस का उद्देश्य केवल एनडीए को केंद्र में सरकार का गठन करने से रोकना है।
उन्होंने कहा 'हम यह साफ़ कर चुके हैं कि अगर कांग्रेस के पक्ष में सहमति बनती है तो हम नेतृत्व स्वीकार करेंगे। हमारा लक्ष्य हमेशा यही है कि एनडीए की सरकार को वापस सत्ता में नहीं लौटनी चाहिए।'
आजाद ने कहा 'हमारी पार्टी लोकसभा चुनाव के नतीजों को लेकर ज्यादा उत्साहित नहीं है और बीजेपी को रोकने की हम हर कीमत पर गठबंधन में बड़े से बड़ा त्याग के लिए तैयार है। पीएम पद की उम्मीदवारी पर उन्होंने कहा 'हमे जब तक पीएम का पद ऑफर नहीं किया जाता है तबतक हम इस बारे में कुछ नहीं कह सकते।
बता दें कि गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा था कि अगर उन्हें लोकसभा चुनाव में जीत का भरोसा है तो पीएम पद के अपने उम्मीदवार का ऐलान करें।
राजनाथ सिंह ने मायावती पर पलटवार करते हुए कहा चुनाव परिणाम आने दीजिए, पता चल जायेगा कि किसकी नैया डूबी है ।' उन्होंने कहा था कि जिनकी खुद की नैया डूबी है, खुद डूबे हैं... उन्हें कहां से यह दिख रहा है। भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि जहां तक आरएसएस का सवाल है, यह कोई राजनीतिक संगठन नहीं है, यह सामाजिक..सांस्कृतिक संगठन है ।