लोकसभा चुनाव विशेषः राहुल गांधी के फोन के बाद पवार ने बदला फैसला, गुजरात में चुनावी मैदान से हटी एनसीपी
By हरीश गुप्ता | Published: April 19, 2019 07:53 AM2019-04-19T07:53:30+5:302019-04-19T07:53:30+5:30
राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने अपना फैसला बदलते हुए गुजरात की 26 लोकसभा सीटों पर एक भी उम्मीदवार खड़ा नहीं करने निर्देश राकांपा के गुजरात के नेताओं को दिया है
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के एक फोन के बाद राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने अपना फैसला बदलते हुए गुजरात की 26 लोकसभा सीटों पर एक भी उम्मीदवार खड़ा नहीं करने निर्देश राकांपा के गुजरात के नेताओं को दिया है. साथ ही पार्टी के नेताओं को कांग्रेस उम्मीदवारों को पूरा समर्थन देने को कहा गया है. उल्लेखनीय है कि पहले राकांपा ने कहा था कि वह गुजरात में सभी 26 लोकसभा सीटों के अलावा पांच विधानसभा सीटों के उपचुनाव में भी उम्मीदवार मैदान में उतारेगी. गुजरात में तीसरे चरण (23 अप्रैल) में मतदान होना है.
इसलिए जुदा थी राहें
2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस-राकांपा ने छह सीटों पर गठबंधन की संभावना को तलाशा था. तब गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष भारतसिंह सोलंकी ने राकांपा को कांग्रेस की बी टीम बताकर गठबंधन का प्रस्ताव ठुकरा दिया था. इसका खामियाजा कांग्रेस को 2017 के विधानसभा चुनाव में राकांपा, बसपा का वोट गंवाकर चुकानी पड़ी.
और बदल गई सोच
उस घटना से सबक लेते हुए आलाकमान सक्रिय हुआ जिसके चलते अब राकांपा का कोई उम्मीदवार कांग्रेस के लिए चुनौती नहीं बनेगा. राहुल और पवार के बीच बातचीत का खुलासा तो नहीं हुआ है, लेकिन उसके बाद राकांपा ने किसी भी उम्मीदवार को अपना चुनाव चिन्ह नहीं दिया है. राकांपा ने यह भी सुनिश्चित किया है कि उसका कोई नेता बतौर निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में न उतरे. बाहर कोई उम्मीदवार नहीं राकांपा के वरिष्ठ महासचिव और राज्यसभा सदस्य प्रफुल्ल पटेल ने संपर्क साधे जाने पर कहा, ''हां, हमने फैसला किया है कि महाराष्ट्र और अंडमान-निकोबार को छोड़कर, हम कोई उम्मीदवार मैदान में नहीं उतारेंगे. हम चाहते हैं कि धर्मनिरपेक्ष मतों का बंटवारा न हो और भाजपा को करारी शिकस्त मिले.'' महाराष्ट्र में कांग्रेस-राकांपा मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं.
दो सीट की थी ख्वाहिश
राकांपा के सूत्रों के मुताबिक पार्टी की ख्वाहिश दो लोकसभा सीटों पर मैदान में उतरने की थी. लेकिन, हालात और विपक्षी एकता की जरूरत को देखते हुए राकांपा ने पीछे हटने का फैसला किया. उल्लेखनीय है कि गठबंधन में किसी भी किस्म की बेवजह की गलतफहमी को दूर करने के लिए राहुल गांधी, शरद पवार से निरंतर संपर्क में हैं. पवार भी विपक्षी एकता के लिए उत्प्रेरक का काम करते हुए सभी क्षेत्रीय और विपक्षी दलों के संपर्क में हैं.