अखिलेश यादव ने किया ऐलान, लखनऊ से राजनाथ सिंह के खिलाफ लड़ेंगीं पूनम सिन्हा
By स्वाति सिंह | Updated: April 17, 2019 18:35 IST2019-04-17T18:33:48+5:302019-04-17T18:35:59+5:30
लोकसभा चुनाव 2019 के लिए शत्रुघ्न सिन्हा की पत्नी पूनम सिन्हा मंगलवार को समाजवादी पार्टी में शामिल हुई हैं।

प्रेस कांफ्रेंस के दौरान अखिलेश यादव के साथ उनकी पत्नी डिंपल यादव और पूनम सिन्हा भी मौजूद थीं।
लोकसभा चुनाव 2019 के लिए शत्रुघ्न सिन्हा की पत्नी पूनम सिन्हा लखनऊ सीट से गृहमंत्री राजनाथ सिंह के खिलाफ सपा के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी घोषणा की।
अखिलेश यादव ने कहा 'पूनम सिन्हा का समाजवादी पार्टी में स्वागत है और पार्टी और गठबंधन के कई साथियों से चर्चा करके हमने उन्हें लखनऊ से उम्मीदवार बनाया है।' प्रेस कांफ्रेंस के दौरान अखिलेश यादव के साथ उनकी पत्नी डिंपल यादव और पूनम सिन्हा भी मौजूद थीं।
पूनम सिन्हा के बारे में
साल 1968 में मिस यंग इंडिया का ताज और फिर हिंदी फिल्मों में अपने छोटे से सफर के बावजूद पूनम जाना-पहचाना नाम हैं। पूनम का जन्म हैदराबाद में हुआ और वह सिंधी परिवार से आती हैं। फिल्मी पर्दे की बात करें तो पूनम आखिरी बार 2008 में 'जोधा-अकबर' में नजर आई थीं।
आज श्रीमती पूनम सिन्हा जी ने समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. पार्टी में उनका स्वागत है.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) April 16, 2019
लोकप्रिय अभिनेता श्री शत्रुघ्न सिन्हा जी की पत्नी श्रीमती सिन्हा के सपा में आने से समाजवादी आंदोलन को और भी शक्ति मिलेगी. pic.twitter.com/lh4uCcJs7Z
सपा ने किया सीट का गुणा-भाग
सपा ने इस सीट पर अपना गुणा-भाग कर लिया है। लखनऊ में 3.5 लाख मुस्लिम वोटर्स के अलावा चार लाख कायस्थ वोट और 1.3 लाख सिंधी मतदाता हैं। पूनम सिन्हा सिंधी परिवार से आती हैं, जबकि शत्रुघ्न सिन्हा कायस्थ हैं। इससे पूनम सिन्हा की उम्मीदवारी को मजबूती मिलेगी। हालांकि भाजपा महासचिव विजय पाठक ने पूनम सिन्हा पर बाहरी का ठप्पा लगाते हुए कहा, ''वह मतदातओं पर कोई असर नहीं डाल पाएंगी। लखनऊ भाजपा का गढ़ रहा है और यह आगे भी रहेगा।'राजनाथ ने लखनऊ के विकास के लिए काफी काम किया है और यहां की जनता उन्हें पसंद करती है।''
लोकसभा चुनाव 2014 में राजनाथ सिंह ने यहां से जीत दर्ज की। उन्होंने तत्कालीन कांग्रेस नेता रीता बहुगुणा जोशी को 2,72,749 मतों से हराया था।
1991 से भाजपा रही है विजेता
भाजपा 1991 से लखनऊ सीट कभी नहीं हारी है। अटल बिहारी वाजपेयी और लालजी टंडन के प्रतिनिधित्व के बाद राजनाथ सिंह वहां विजेता रहे हैं। विपक्ष हमेशा से वहां बंटा हुआ रहा। 2014 में राजनाथ सिंह ने 5.61 लाख वोट हासिल किए थे, जबकि अलग-अलग चुनाव लड़ी कांग्रेस, सपा, बसपा और आप को कुल मिलाकर 4.52 लाख वोट मिले।