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लोकसभा चुनाव मतगणना: रेडियो टीवी नहीं, बल्कि इस बार स्मार्टफोन से अपडेट लेते रहे इस राज्य के लोग

By भाषा | Updated: May 23, 2019 13:21 IST

इस बार उनके पास परिणामों की खबर देने के लिए न तो रेडियो और न ही टेलीविजन ज्यादा दिखा बल्कि स्मार्टफोन ही नजर आया। जहां कहीं भी चार लोग बैठे नजर आए उनमें से एक न एक जरूर स्मार्टफोन पर लाईव चैनल पर नतीजों की जानकारी ले रहा था।

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ठळक मुद्देराज्य की सभी 25 सीटों पर भाजपा की बढ़त ने राजनीतिक विश्लेषकों को जरूर चौंकाया। राज्य में उस पार्टी की बढ़त रहती है जिसकी राज्य में सरकार हो।

लोकसभा चुनावों के परिणामों को लेकर लोगों में जबरदस्त उत्सुकता देखी गयी हालांकि पहली बार परंपरागत रेडियो और टेलीविजन की जगह स्मार्टफोन से ज्यादा अपडेट लेते रहे। इसके साथ ही व्हाट्सएप व फेसबुक जैसे सोशल मीडिया मंचों पर भी सुबह से ही चर्चा शुरू हो गयी। राज्य की 25 लोकसभा सीटों के लिए सुबह आठ बजे मतगणना शुरू हुई और जयपुर में चाय की थड़ी हो या बीकानेर के पाटे, लोग चुनाव परिणामों को लेकर चर्चा करते दिखे।

हालांकि इस बार उनके पास परिणामों की खबर देने के लिए न तो रेडियो और न ही टेलीविजन ज्यादा दिखा बल्कि स्मार्टफोन ही नजर आया। जहां कहीं भी चार लोग बैठे नजर आए उनमें से एक न एक जरूर स्मार्टफोन पर लाईव चैनल पर नतीजों की जानकारी ले रहा था।

जयपुर में आरटीओ के सामने एक युवक सतीश कुमार ने कहा, 'सब तो स्मार्टफोन पर लाइव आ रहा है तो टीवी कौन देखे, रेडियो कौन सुने?' राज्य में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं में जो उत्साह एक्जिट पोल आने के बाद दिख रहा था वह शुरुआती रूझानों के बाद और मजबूत हो गया।

पार्टी के उत्साहित कार्यकर्ता यहां सिविल लाइंस में भाजपा मुख्यालय में सुबह से बड़ी तादाद में नजर आ रहे थे। यह संख्या धीरे धीरे बढती गयी। एक कार्यकर्ता ने शुरुआती रूझान के बाद ही कहा, 'मिठाई मंगवा ली गयी, जश्न होगा।' वहीं कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय में पिछले दो दिन की शांति दोपहर तक एक तरह से सन्नाटे में बदलती नजर आई। कोई बड़ा नेता मुख्यालय में नहीं दिखा।

वहां सुस्ता रहे मीडियाकर्मियों के बीच इक्का दुक्का कार्यकर्ता जरूर बीच बीच में नजर आए। राज्य की सभी 25 सीटों पर भाजपा की बढ़त ने राजनीतिक विश्लेषकों को जरूर चौंकाया। आमतौर पर राज्य में उस पार्टी की बढ़त रहती है जिसकी राज्य में सरकार हो। लेकिन इस बार शुरुआती रूझान ही इस आम धारणा के विपरीत दिखे।

इस बारे में पूछे जाने पर एक बुजुर्ग ने कहा,' हमने तो पहले ही कहा था, 'मोदी से वैर नहीं, वसुंधरा तेरी खैर नहीं।' उल्लेखनीय है कि राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले यह नारा चला था जो लोकसभा चुनाव में एक तरह से सही साबित हुआ है। 

टॅग्स :लोकसभा चुनावभारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)कांग्रेस
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