BJP ने 75 साल से अधिक उम्र के 15वें नेता पर गिराई गाज, सुमित्रा महाजन पर अभी भी निर्णय नहीं

By हरीश गुप्ता | Updated: April 3, 2019 07:52 IST2019-04-03T07:52:03+5:302019-04-03T07:52:03+5:30

प्रधानमंत्री के कार्यक्रम से इंदौर-5 विधायक महेंद्र हार्डिया, इंदौर-तृतीय विधायक आकाश विजयवर्गीय सहित कुछ अन्य भाजपा नेता भी गैरमौजूद रहे, लेकिन सुमित्रा की अनुपस्थिति ने भाजपा के नियम के 16वें शिकार की संभावना को बल दे दिया.

lok sabha election: bjp did not give ticket leela bhai vaghela from patan gujarat | BJP ने 75 साल से अधिक उम्र के 15वें नेता पर गिराई गाज, सुमित्रा महाजन पर अभी भी निर्णय नहीं

BJP ने 75 साल से अधिक उम्र के 15वें नेता पर गिराई गाज, सुमित्रा महाजन पर अभी भी निर्णय नहीं

भाजपा ने 75 साल से अधिक उम्र के 15वें नेता पर गिराई गाज गिराई है. आलाकमान ने गुजरात के पाटन से 83 वर्षीय लीलाभाई बघेला को टिकट देने से इनकार कर दिया है. इन घटनाक्रमों ने बुजुर्गों की श्रेणी में आने वाली पार्टी की अंतिम नेता सुमित्रा महाजन को नाराज कर दिया है. इंदौर से आठ बार सांसद रहीं लोकसभा अध्यक्ष को प्रतिष्ठित सीट से 9वीं बार चुनाव लड़ने के लिए हरी झंडी का इंतजार कर रही हैं.

इसी बीच, पिछले रविवार को इंदौर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मैं भी चौकीदार' कार्यक्रम से वह दूर रहीं. उन्होंने यह दूरी तब बनाई जबकि यह तय माना जा रहा था कि भाजपा में भाजपा में 'ताई' के रूप में लोकप्रिय सुमित्रा को टिकट मिलेगा ही. वहीं, हकीकत यह है कि पार्टी ने 75 साल से अधिक उम्र वाले 15 नेताओं को बाहर का रास्ता दिखा दिया है. इंदौर ही इकलौती सीट है, जहां भाजपा ने उम्मीदवार घोषित नहीं किया है. ऐसे हालात में 'मैं भी चौकीदार' कार्यक्रम से सुमित्रा की गैरमौजूदगी से ये अटकलें तेज हो गई हैं कि सब कुछ ठीक नहीं है. इन अटकलों के बीच इंदौर की मेयर मालिनी गौड़ टिकट की दौड़ में शामिल हो गई हैं.

प्रधानमंत्री के कार्यक्रम से इंदौर-5 विधायक महेंद्र हार्डिया, इंदौर-तृतीय विधायक आकाश विजयवर्गीय सहित कुछ अन्य भाजपा नेता भी गैरमौजूद रहे, लेकिन सुमित्रा की अनुपस्थिति ने भाजपा के नियम के 16वें शिकार की संभावना को बल दे दिया.

नाराज सुमित्रा महाजन ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर प्रधानमंत्री मोदी के समर्थन में 'मैं भी चौकीदार' नहीं जोड़ा है. इससे वह उन मुट्ठीभर नेताओं में शामिल हो गई हैं जो प्रधानमंत्री के आह्वान का पालन नहीं कर रहे हैं. इसका कारण यह हो सकता है कि उन्हें निकट भविष्य में होने वाले फैसले का आभास मिल गया हो. हालांकि इन घटनाक्रमों ने इंदौर की मेयर मालिनी गौड़ के समर्थकों को उत्साहित कर दिया है.

प्रधानमंत्री मेयर से हैं खुश 

मालिनी गौड़ भाजपा के प्रति निष्ठावान हैं और पिछले दो साल से इंदौर का नाम देश के सबसे साफ-सुथरे शहर के रूप में रोशन कर रही हैं. प्रधानमंत्री उनके प्रदर्शन से बहुत खुश हैं और उनको आगे बढ़ाना चाहते हैं. मालिनी गौड़ को विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया गया. उनके बदले भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने इसे अपने बेटे को दे दिया. अब उन्हें खुद को पश्चिम बंगाल तक सीमित रखने के लिए कहा गया है. इंदौर लोकसभा सीट के नामांकन पत्र भरने की आखिरी तारीख 29 अप्रैल है जबकि वहां 19 मई को मतदान होगा.

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