लोकसभा चुनाव के बाद आम आदमी पार्टी में बड़ी सेंधमारी कर सकती है बीजेपी, मनीष सिसोदिया ने दी चुनौती
By संतोष ठाकुर | Updated: May 11, 2019 16:30 IST2019-05-11T16:28:31+5:302019-05-11T16:30:39+5:30
दिल्ली के उप—मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि अगर भाजपा में दम है तो वह चुनाव से पहले इन विधायकों को अपने साथ मिलाए। कुछ विधायकों का कहना है कि पार्टी में उनकी बात नहीं सुनी जाती है, जिसकी वजह से वह परेशान हैं।

लोकसभा चुनाव के बाद आम आदमी पार्टी में बड़ी सेंधमारी कर सकती है बीजेपी, मनीष सिसोदिया ने दी चुनौती
भाजपा के रणनीतिकार दिल्ली के करीब एक दर्जन से अधिक आम आदमी पार्टी विधायकों के संपर्क में हैं। यह माना जा रहा है कि आम चुनाव के परिणाम आने के बाद इनमें से कई विधायक भाजपा के साथ जुड़ सकते हैं।
हाल ही में गांधी नगर और महिपालपुर से आम आदमी पार्टी के विधायक अनिल वाजपेयी और देवेंद्र सहरावत ने भाजपा का दामन थामा है।
इनमें से महिपालपुर के विधायक देवेंद्र सहरावत हालांकि लंबे समय से आम आदमी पार्टी और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ आक्रमक बने हुए थे।
सूत्रों के मुताबिक भाजपा के संपर्क में आने वाले विधायकों में वे आधा दर्जन विधायक भी शामिल हैं जिनके खिलाफ अलग मामलों में पुलिस में शिकायत दर्ज है।
कई विधायकों पर दर्ज हैं आपराधिक मामले
इनमें कुछ मामलों में अगर सजा होती है तो यह दो वर्ष की कारावास तक हो सकती है। यह माना जा रहा है कि ये विधायक अपने खिलाफ दर्ज कानूनी मामलों को खत्म करना चाहते हैं और यही वजह है कि वे भाजपा के साथ आने की संभावना तलाश कर रहे हैं।
वहीं कुछ विधायकों का कहना है कि पार्टी में उनकी बात नहीं सुनी जाती है, जिसकी वजह से वह परेशान हैं।
इधर, इस मामले पर दिल्ली के उप—मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि अगर भाजपा में दम है तो वह चुनाव से पहले इन विधायकों को अपने साथ मिलाए।
इससे जनता को भी यह साफ हो जाएगा कि विधायकों की खरीद—फरोख्त कौन कर रहा है। उन्होंने कहा कि हमें जानकारी मिली है कि विधायकों को कानूनी मामलों में फंसाने के साथ ही करोड़ों रूपये देने का प्रलोभन दिया जा रहा है। हम जनता के बीच इस मुददे को ले जा रहे हैं।
इधर, भाजपा के दिल्ली प्रभारी श्याम जाजू ने कहा कि आम आदमी पार्टी का आरोप लगाने का इतिहास है। हम किसी भी विधायक को जबरदस्ती क्यों लाएंगे। जो वहां पर अपना दम घुटता महसूस कर रहा है वह बाहर आने के लिए विकल्प देख रहा है। भाजपा उनके सबसे बेहतर विकल्प लगता है और यही वजह है कि ये विधायक भाजपा के साथ जुड़े हैं।