लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती ने अपनी चुनावी राजनीति में फिर बदलवा किया है। इसके चलते अब मायावती राष्ट्रीय स्तर पर किसी भी प्रमुख दल या गठबंधन से चुनावी तालमेल करने के बजाय राज्य स्तर पर छोटे दलों से चुनावी गठबंधन कर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। बसपा सुप्रीमो के इस फैसले के तहत बसपा छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और हरियाणा में छोटे दलों से गठबंधन कर चुनाव लड़ेगी।
बसपा नेताओं के अनुसार, पार्टी छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में गोड़वाना गणतंत्र पार्टी (गोगपा) पार्टी और हरियाणा में इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के साथ चुनावी गठबंधन करेगी। इन तीनों राज्यों में उक्त दलों से साथ मिलकर चुनाव लड़ने के लिए मायावती के उत्तराधिकारी आकाश आनंद की देखरेख में किन सीटों पर बसपा के प्रत्याशी चुनाव लड़ेंगे यह तय किया जा रहा है। जल्द उक्त दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का ऐलान किया जाएगा।
हरियाणा में छह सीटों पर चुनाव लड़ेगी बसपा
बसपा नेताओं के अनुसार बीते साल मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में हुए विधानसभा चुनावों में बसपा ने गोगपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। गोगपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तुलेश्वर सिंह मरकाम से अब फिर उन दोनों राज्यों में मिलकर चुनाव लड़ने पर बातचीत हो रही है। इसी प्रकार हरियाणा में भी इनेलो के नेताओं के बातचीत चल रही हैं. बसपा इससे पहले भी हरियाणा में कई बार गठबंधन का प्रयोग कर चुकी है।
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा ने इनेलो से ही गठबंधन किया था लेकिन चुनाव से पहले ही यह गठबंधन टूट गया था। तब मायावती ने हरियाणा में लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी (लोसुपा) के साथ मिलकर चुनाव लड़ा, लेकिन हरियाणा में इस गठबंधन को जनता का समर्थन प्राप्त नहीं हुआ। इसके बाद चुनाव बाद यह भी गठबंधन टूट गया। अब फिर इनेलो के नेता बसपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ने के लिय आकाश आनंद के साथ वार्ता कर रहे हैं।
बसपा नेताओं से मिली जानकारी के अनुसार, दोनों दलों की बीच हरियाणा में गठबंधन पर सहमति बन चुकी है। आकाश ने हरियाणा की दस सीटों में से इनेलो को 4 सीटों देने का ऑफर दिया है। शेष बची छह सीटों पर बसपा अपने प्रत्याशी खड़े करेगी। जल्दी ही इनेलो से साथ चुनावी गठबंधन कर चुनाव लड़ने का मायावती ऐलान करेगी।
बसपा नेताओं का कहना है कि हरियाणा में बसपा बहुत मजबूत तो नही है लेकिन उसका थोड़ा बहुत जनाधार जरूर है। वर्ष 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में बसपा को 3.65% वोट मिले थे, जबकि इनेलो को 1.90% वोट मिले थे। इनेलो पूर्व उप प्रधानमंत्री देवीलाल की पार्टी है। हरियाणा में कुछ खास इलाकों में इनेलो का जनाधार है तो कुछ इलाके ऐसे हैं, जहां बसपा का जनाधार है।
इसी तरह से मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के आदिवासी इलाकों में गोगपा का आधार है। आदिवासियों की पार्टी माने जाने वाली गोगपा से मिलकर बसपा ने बीता विधानसभा चुनाव लड़ा था। ऐसे में अब मायावती इन तीनों राज्यों में छोटे दलों के जनाधार का लाभ लेकर कुछ सीटों पर जीत हासिल करने की सोच रही हैं।