लोकसभा चुनाव में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को भोपाल लोकसभा सीट से बीजेपी की ओर से उम्मीदवार बनाए जाने के बाद विवाद जारी है। मालेगांव बम धमाके के एक पीड़ित के पिता ने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर की उम्मीदवारी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराया है।
मालेगांव धमाके के पीड़ित के पिता ने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के स्वास्थ्य को लेकर सवाल उठाए हैं। मालूम हो कि क्योंकि एनआईए कोर्ट ने उन्हें स्वास्थ्य की वजह से ही जमानत दी थी।
राम माधव ने साध्वी प्रज्ञा पर दिया ये बयान
वहीं, बीजेपी नेता राम माधव ने साध्वी प्रज्ञा की उम्मीदवारी को संवैधानिक बताते हुए कहा कि भगवा आतंक, हिंदू आतंक का आरोप यूपीए का किया धरा था। ऐसी कोई चीज कभी मौजूद नहीं थी और न ही अभी मौजूद है। कुछ लोगों को गलत तरीके से जेल में डाला गया। किसी के खिलाफ महज आरोप होने की वजह से उसको उम्मीदवार बनाने की संवैधानिक वैधता पर कोई सवाल नहीं उठा सकता है।
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर बनाम दिग्विजय सिंह
बीजेपी ने साध्वी को भोपाल संसदीय सीट से प्रत्याशी घोषित कर दिया है जहां उनका मुकाबला कांग्रेसी दिग्गज और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से होगा। भोपाल में करीब 18 लाख मतदाता हैं और इनमें से साढ़े चार लाख मतदाता मुसलमान है।
मालेगांव बम ब्लास्ट से साध्वी प्रज्ञा का कनेक्शन
साध्वी 2008 में मालेगंवा ब्लास्ट के बाद चर्चा में आई जब उन पर इन धमाकों में शामिल होने का आरोप लगा। दरअसल, महाराष्ट्र के मुस्लिम बहुल मालेगांव में 29 सितंबर, 2008 को बम धमाके हुए। इस धमाके में 6 लोगों की मौत हो गई और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए। इसके बाद मामले की जांच शुरू हुई महाराष्ट्र के एटीएस ने जनवरी-2009 में एक चार्जशीट दायर की जिसमें साध्वी प्रज्ञा सहित 14 लोगों के नाम थे। साध्वी को अक्टूबर-2008 में हिरासत में लिया जा चुका था और एटीएस लगातार यह कह रही थी कि इस धमाके के पीछे के मास्टरमाइंड में से एक साध्वी प्रज्ञा भी हैं। साल 2011 में गृह मंत्रालय ने यह मामला एनआईए को सौंप दिया।
9 साल तक जेल में रहीं साध्वी प्रज्ञा
साध्वी मालेगांव धमाके की आरोपी के तौर पर करीब 9 साल जेल में रहीं। साध्वी मध्य प्रदेश से आती हैं वह इतिहास में पोस्ट ग्रेजुएट हैं। उनका झुकाव शुरू से ही दक्षिणपंथ की ओर रहा है। साध्वी प्रज्ञा ABVP की नेता और विश्व हिन्दू परिषद की महिला शाखा 'दुर्गा वाहिनी' में सक्रिय रही हैं।
बताते चलें कि भोपाल लोकसभा सीट बीजेपी का मजबूत गढ़ माना जाता है और इस सीट पर वर्ष 1989 से बीजेपी का कब्जा है। भोपाल के मौजूदा सांसद आलोक संजर हैं और उन्होंने पिछले लोकसभा चुनाव में इस सीट से 3.70 लाख से अधिक वोटों से जीत हासिल की थी। भोपाल में 12 मई को वोटिंग है।