राजस्थान की दौसा लोकसभा सीट पर इस बार दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल सकता है। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को यहां बड़ा झटका लगा था। पार्टी से सांसद हरीश चंद्र मीणा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था और कांग्रेस का दामन थाम लिया था, जिसके बाद से कांग्रेस को लगने लगा है कि उसकी खोई जमीन दोबारा हासिल हो जाएगी। वह आगामी लोकसभा चुनाव-2019 में किस उम्मीदवार पर भाग्य आजमाए इसको लेकर बैठकों का दौर जारी है और टिकट के लिए करीब डेढ़ दर्जन नेता लाइन में लगे हुए हैं।
दौसा सीट पर कांग्रेस का रहा दबदबा
दौसा लोकसभा सीट पर बीजेपी का प्रभाव खासा अच्छा नहीं रहा है। उसे पहली बार 1989 में जीत हासिल हुई थी और उसके बाद वह नरेंद्र मोदी लहर में ही जीत हासिल कर सकी। लेकिन, विधानसभा चुनाव 2018 से ठीक पहले सांसद हरीश चंद्र मीणा ने पार्टी और अपने पद से इस्तीफा दे दिया। अब बीजेपी के पास नई चुनौती प्रत्याशी के चयन को लेकर खड़ी हो गई है। इधर, कांग्रेस विधानसभा चुनाव में मिली जीत को लोकसभा चुनाव में भी बरकरार रखना चाहती है। इस सीट पर उसका अच्छा खासा दबदबा रहा है। वह अभी तक यहां से 11 बार जीत हासिल कर चुकी है।
दौसा लोकसभा सीट का इतिहास
दौसा संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत 8 विधानसभा सीटें आती हैं। यहां पहली बार साल 1952 में चुनाव हुआ था, जिसमें कांग्रेस ने जीत दर्ज करते हुए खाता खोला था और 1957 के चुनाव में भी जीत हासिल की। 1962, 1967 में स्वतंत्र पार्टी जीती। 1971 में कांग्रेस ने फिर से वापसी की, लेकिन 1977 में जनता पार्टी ने उसे हरा दिया। इसके बाद 1980, 1984 के चुनाव में कांग्रेस ने जीत हासिल की। 1989 में पहली बार बीजेपी इस सीट पर काबिज हुई। इसके बाद 1991, 1996, 1998, 1999 और 2004 के चुनावों में लगातार पांच बार कांग्रेस जीती। 2009 में निर्दलीय प्रत्याशी डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने जीत हासिल की और 2014 में बीजेपी की वापसी हुई।
पायलट परिवार का रहा खासा महत्व
दौसा लोकसभा सीट की खास बात यह भी है कि मौजूदा राजस्थान प्रदेशाध्यक्ष एवं सूबे के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के पिता राजेश पायलट यहां से चार बार सांसद रहे हैं। जिसमें उन्हें पहली बार 1984 में जीत हासिल हुई थी। इसके बाद 1991, 1996, 1998 के चुनावों को जीतकर लगातार तीन बार सांसद बने। इसके बाद कांग्रेस ने 1999 के लोकसभा चुनाव में राजेश पायलट की पत्नी रामा पायलट को मैदान में उतारा और उन्हें भी सफलता हाथ लगी। वहीं, खुद सचिन पायलट ने साल 2004 का लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की।
चुनाव आयोग के आंकड़े
चुनाव आयोग के आकड़ों के मुताबिक, पिछले लोकसभा चुनाव-2014 में दौसा लोकसभा सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 15 लाख, 22 हजार, 441 थी। इनमें से 9 लाख, 28 हजार, 728 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था और 61 फीसदी वोटिंग हुई थी। बीजेपी ने यहां से हरीश चंद्र मीणा को उम्मीदवार बनाया था, जिनके खाते में 3 लाख 15 हजार, 59 वोट पड़े थे। वहीं, निर्दलीय प्रत्याशी डॉ. किरोड़ी लाल मीणा को 2 लाख, 69 हजार, 655 वोट मिले थे। बीजेपी ने किरोड़ी को 45 हजार, 404 वोटों के अंतर से हराया था और कांग्रेस तीसरे नंबर की पार्टी रही थी। जिसे 1 लाख, 81 हजार, 272 वोट मिले थे।