जयपुर: देश भर में कोरोना महामारी को लेकर लगाए गए लॉकडाउन के बावजूद राजस्थान के बूंदी जिले में रामनवमी के मौके पर एक मेला का आयोजन किया गया। जिले के रामनगर में नवरात्रि की नवमी और दशमी के दिन यहां पर लोगों की भारी भीड़ देखने को मिली। हर साल की तरह इस बार भी यहां के स्थानीय लोगों ने कोरोना महामारी के बीच जारी लॉकडाउन की परवाह किे बिना इस मेला का आयोजन किया और बड़ी संख्या में लोग इस धार्मिक मेले में जमा हुए।
डेक्कन हेराल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए चल रहे राष्ट्रव्यापी बंद का उल्लंघन कर बूंदी जिले के रामनगर गांव में इस वार्षिक जुलूस को कंजर आदिवासी समुदाय के लोगों ने आयोजित किया। इस मेले में 1,000 से अधिक लोग इकट्ठे हुए।
रामनगर में नवमी की शाम और दशमी के दिन अंधविश्वास का खेल दिखाया गया। इसे देखने के लिए यहां पर लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। हर साल की तरह इस बार भी इस करतब को देखने के लिए एकत्र हुए।
जब इस मामले में पुलिस से संपर्क किया गया तो पुलिस ने कहा कि जिन पांच लोगों ने कथित तौर पर कार्यक्रम का आयोजन किया था, उन सभी को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस की मानें तो इन लोगों को बिना इजाजत हजारों लोगों की भीड़ जमा करने और दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के उल्लंघन के लिए गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तारी के बाद इनलोगों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
इस बीच, जिला प्रशासन को घटना की सूचना नहीं देने की वजह से इलाके में तैनात तीन अधिकारियों और दो पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई है। बता दें कि कंजर इस क्षेत्र में रहने वाला एक आदिवासी समूह है जिसने इस कार्यक्रम का आयोजन किया था।
इस मामले में बूंदी के जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा ने कहा, "शुक्रवार को रामनगर गांव में आयोजन के लिए कोई अनुमति नहीं मांगी गई थी। हालांकि, सभा को 20-25 मिनट के भीतर हटा दिया गया था और पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी थी।"