नई दिल्लीः कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन से कई कारोबार थम गए हैं लेकिन बांग्लादेश और पाकिस्तान से लगी सीमा पर नशीले पदार्थों और जाली मुद्रा की तस्करी निर्बाध जारी है।
हालांकि, इसमें कुछ कमी जरूर आयी है। जब्ती और गिरफ्तारी (एक जनवरी-24 मार्च तथा 25 मार्च-12 अप्रैल के बीच) आंकड़ों के मुताबिक सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने पाया है कि दोनों सीमाओं पर इस तरह की गतिविधियां जारी है। इस कारण से जवानों को और चौकस रहने को कहा गया है।
देश में लॉकडाउन का पहला चरण 25 मार्च से 14 मार्च के लिए लागू हुआ था। लॉकडाउन का दूसरा चरण बुधवार से शुरू हुआ है। पंजाब में पाकिस्तान से लगी सीमा से हेरोइन की तस्करी की घटनाएं अक्सर सामने आती हैं। दोनों तुलनात्मक अवधि में नशीले पदार्थ की जब्ती घटकर 97 किलोग्राम से 18 किलोग्राम हो गयी।
इसी तरह, बांग्लादेश से लगी सीमा के पास बीएसएफ के जवानों ने इस दौरान 328 मवेशियों को पकड़ा। जबकि, लॉकडाउन से पहले वाली अवधि में 20,637 मवेशियों को पकड़ा गया। लॉकडाउन के समय और उससे पहले की अवधि में तुलना करने पर यह आंकड़ा करीब 21 गुना कम है।
बीएसएफ के प्रवक्ता शुभेंदु भारद्वाज ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘बल ने सीमा पर होने वाले सभी अपराध के खिलाफ चौकसी के लिए निर्देश जारी किया है। लॉकडाउन के दौरान जब्ती की संख्या घटी है, लेकिन खासकर बांग्लादेश सीमा पर ऐसी घटनाएं तकरीबन हर दिन होती है। हम हर समय दोनों सीमाओं को सुरक्षित बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’
आंकड़ों से पता चलता है कि तुलनात्मक अवधि में फेंसीडिल कफ सिरप की जब्ती करीब तीन गुना कम हो गयी। बांग्लादेश में नशीले पदार्थ के रूप में इस कफ सिरप का इस्तेमाल होता है। मूल्यों के हिसाब से जाली भारतीय मुद्रा की तस्करी भी बांग्लादेश सीमा पर तीन गुना कम हो गयी है। याबा टैबलेट की जब्ती भी करीब 17 गुना कम हुई है । लॉकडाउन के दौरान इसकी 9710 गोलियां जब्त की गयी जबकि उससे पहले के दिनों में 4.8 लाख गोलियां जब्त की गयी थी।