गुवाहाटी: गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवानी को असम के बारपेटा जिले की एक स्थानीय अदालत ने एक महिला पुलिसकर्मी पर कथित हमले के मामले में जमानत दे दी है। मेवानी के वकील अंगसुमन बोरा ने समाचार एजेंसी एएनआई को यह जानकारी दी। उन्होंने ये भी बताया कि कुछ औपचारिकताओं के कारण जिग्नेश मेवानी को 30 अप्रैल को रिहा किए जाने की उम्मीद है।
बताते चलें कि असम पुलिस के मुताबिक मेवानी पर आरोप है कि उन्होंने लोक सेवक के साथ दुर्व्यवहार किया, अपशब्दों का इस्तेमाल किया और उन्हें (महिला पुलिस अधिकारी) अनुचित तरीके से छुआ। मामले की अभी जांच चल रही है। जिग्नेश मेवानी के खिलाफ आईपीसी की धारा 294 (सार्वजनिक स्थान पर अश्लील हरकतें और गाने), 354 (महिला का शील भंग करने के इरादे से हमला या आपराधिक बल), 353 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल) और 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
जिग्नेश मेवानी गुजरात के निर्दलीय विधायक हैं। हालांकि, उन्होंने पिछले साल ही कांग्रेस को अपना समर्थन दिया था। वहीं, मेवानी की गिरफ्तार के बाद असम के कांग्रेस सांसद अब्दुल खालिक ने बुधवार को तत्काल रिहाई और बारपेटा में एक महिला पुलिस अधिकारी पर कथित हमले के मामले में उनके खिलाफ दर्ज मामले की न्यायिक जांच कराने की मांग की थी।