LMOTY 2019:रीतेश के मुश्किल सवालों को फडणवीस ने फिल्मीस्टाइल में उड़ाया, उद्धव ने भी मुस्कुराकर दी प्रतिक्रिया

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: February 21, 2019 01:07 AM2019-02-21T01:07:39+5:302019-02-21T01:07:39+5:30

शिवसेना के साथ युती (गठबंधन) का मुद्दा सुलझ जाने के बाद भी सत्ता के बंटवारे पर बुधवार को पूछे गए सवाल का मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने यह कहते हुए जवाब दिया

LMOTY 2019: Fadnavis flares up the film's hard questions | LMOTY 2019:रीतेश के मुश्किल सवालों को फडणवीस ने फिल्मीस्टाइल में उड़ाया, उद्धव ने भी मुस्कुराकर दी प्रतिक्रिया

LMOTY 2019:रीतेश के मुश्किल सवालों को फडणवीस ने फिल्मीस्टाइल में उड़ाया, उद्धव ने भी मुस्कुराकर दी प्रतिक्रिया

शिवसेना के साथ युती (गठबंधन) का मुद्दा सुलझ जाने के बाद भी सत्ता के बंटवारे पर बुधवार को पूछे गए सवाल का मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने यह कहते हुए जवाब दिया, 'सारे सीक्रेट तत्काल बताए नहीं जाते.' इस मौके पर पहली पंक्ति में सामने ही बैठे शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे और उनकी पत्नी रश्मि ठाकरे ने भी सवाल-जवाब के सिलसिले का भरपूर आनंद उठाया. लोकमत महाराष्ट्रियन ऑफ द ईयर पुरस्कार वितरण समारोह में अभिनेता रितेश देशमुख ने मुख्यमंत्री फडणवीस का साक्षात्कार लिया.

रितेश ने सीधा सवाल पूछा, भाजपा-शिवसेना कह रही हैं कि 'हम साथ-साथ हैं, ' लेकिन दोनों पक्षों के कार्यकर्ता सवाल पूछ रहे हैं, 'हम आपके हैं कौन?' ऐसे में मुख्यमंत्री व उप-मुख्यमंत्री किसका होगा? फडणवीस ने कहा, 'सत्ता तो युती की आना तय है. लेकिन सारा सस्पेंस अभी ही बताया नहीं जा सकता.

सही वक्त पर लोगों को पता चल ही जाएगा.' सत्ता आने के बाद 'सामना' में बाण चल रहे थे, लेकिन अब आपके मुस्कुराते चेहते लोगों को दिख रहे हैं. रितेश ने चुटकी लेते हुए पूछा, 'तुम इतना क्यों मुस्कुरा रहे हो? क्या गम है जिसको छिपा रहे हो?' इस पर फडणवीस ने कहा कि जो हो गया वह हो गया. अब नये सिरे से शुरूआत करना है. देश में अनेक जगह विसंगतियों वालों के भी साथ चल रहे हैं. भाजपा-शिवसेना की तो नीति ही हिंदुत्व की है. कुछ मुद्दों पर हमारे जो भी मतभेद थे वह अब दूर हो चुके हैं.

व्यापक हित के लिए हम लोग साथ आ गए हैं. इसीलिए अब हमारे चेहरों पर मुस्कान है. युती के तहत नई जगहों के टिकट वितरण को लेकर कार्यकर्ताओं की नाराजगी के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों में यह फैसला जरूरी हो गया था. सारे विरोधी दल हमारे साथ एक होकर लड़ रहे हों तो राज्य के हित के लिए युती करना जरूरी हो गया था. इसमें हर किसी को दो-दो कदम पीछे हटना पड़ा. इससे कुछ कार्यकर्ता नाराज हुए होंगे, लेकिन हमारे पास और कोई विकल्प नहीं था.

राजनीति में अभिनय कौशल की कितनी जरूरत पड़ती है, इस सवाल के साथ रितेश ने जानना चाहा कि हर सत्र के बाद मंत्रिमंडल विस्तार का लॉलीपॉप दिखाने का कौशल कैसे दिखाते हैं? मुख्यमंत्री ने कहा कि इसकी मास्टरकी एक पत्रकार से ही मिली. कांग्रेस के दिवंगत नेता विलासराव देशमुख भी हर विधानसभा सत्र से पहले और बाद में जल्द मंत्रिमंडल विस्तार की बात करते थे. इसी आश्वासन के सहारे उन्होंने अनेक वर्ष निकाल दिए. मेरा आज तक का अनुभव रहा है कि राजनीति में कोई भी कभी भी उम्मीद नहीं छोड़ता. इसीलिए मंत्रिमंडल विस्तार के आश्वासन पर ही मेरे साढ़े चार साल बड़े ही आराम से निकल गए. उनके यह कहते ही सभी मौजूद लोग हंसने लगे. 2029 तक पीएम पद आरक्षित देशमुख ने यह सवाल पूछकर मुख्यमंत्री को घेरना चाहा कि मराठी प्रधानमंत्री के तौर पर आपकी पसंद क्या होगी, शरद पवार या नितिन गडकरी. फडणवीस ने कहा कि प्रधानमंत्री पद 2029 तक के लिए आरक्षित है और नरेंद्र मोदी ही भावी प्रधानमंत्री होंगे.

फडणवीस बहुत भावुक हैं देशमुख ने जब मुख्यमंत्री की पत्नी अमृता से मुख्यमंत्री का कोई राज खोलने का आग्रह किया तो उन्होंने बताया कि देवेंद्र बहुत भावुक है. उन्होंने कहा कि 'थ्री इडियट्स' फिल्म देखने के दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री को एक दृश्य में भावुक होते हुए देखा है. विदर्भाचा सर्वाधिक विकास विदर्भ पृथक हुआ तो आपको वहां का मुख्यमंत्री बनना अच्छा लगेगा या शेष महाराष्ट्र का? इस सवाल पर फडणवीस ने कहा कि उनके कार्यकाल में विदर्भ का सर्वाधिक विकास हुआ है. विदर्भ और मराठवाड़ा के विकास के लिए सरकार ने अनेक फैसले लिए. नागपुरकर होने का अभिमान होने के बावजूद सत्ता थामने के दौरान नजर पूरे महाराष्ट्र पर थी. मानवता ही धर्म, उसे भूले नहीं- धर्माधिकारी 

अप्पासाहब धर्माधिकारी 

राष्ट्रों और जाति-धर्म के बीच भेदभाव खत्म होने चाहिए. मनुष्य का जब जन्म होता है तो उसे अगर कोई पूछे तो वह यही कहेगा कि उसकी जाति मनुष्य की है. इसलिए हमें नहीं भूलना चाहिए कि मानवता ही धर्म है. यह विचार विख्यात समाज सुधारक अप्पासाहब धर्माधिकारी ने बुधवार को व्यक्त किए. लोकमत महाराष्ट्रियन ऑफ द ईयर पुरस्कार समारोह में सामाजिक कार्यों के लिए जीवनगौरव पुरस्कार सम्मानित होने और मानपत्र मिलने के बाद वह संबोधित कर रहे थे.

समारोह में मौजूद उनके हजारों अनुयायियों ने अपनी जगह खड़े होकर उनका अभिवादन किया. उनके हर वाक्य पर सभागृह तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठता था. धर्माधिकारी ने कहा, स्वास्थ्य शिविर, वृक्षारोपण व संवर्धन, स्मशानभूमि का नवीनीकरण, स्पर्धात्मक परीक्षाओं के लिए विद्यार्थियों का मार्गदर्शन जैसे काम धर्माधिकारी प्रतिष्ठान करता है. उन्होंने कहा कि मैं कोई महाराज नहीं. एक सर्वसामान्य इंसान हूं जो अच्छे विचार देने का काम करता हूं.

मैं बस इस बात का अहसास कराता हूं कि मनुष्य के तौर पर जन्म लेने पर आपका काम क्या है. उन्होंने कहा कि मैं अपने अनुयायियों को संत साहित्य का अध्ययन करने की सलाह देता हूं. उन्हें बताता हूं कि हम जिस देश में रहते हैं उसका कर्ज कैसे अदा किया जाए. द्वेष, आपसी नफरत को दिल से निकालकर सभी मतभेद दूर करना महत्वपूर्ण है. हर किसी को यह सोचना चाहिए कि देश को सुधारने में वह कैसे सहयोग दे सकता है. यह उम्मीद करना गलत है कि हर काम सरकार ही करेगी. देश को समृद्ध बनाना हर एक नागरिक की जिम्मेदारी है.

अप्पासाहब ने बताया कि हम लोगों को पेड़ लगाने के साथ यह भी सीखाते हैं कि उनकी देखभाल कैसे की जाए. उसी तरह से समाज को सुसंस्कृत करने का काम भी नानासाहब धर्माधिकारी प्रतिष्ठान की ओर से किया जाता है. उन्होंने भावुक होते हुए कहा कि अंतिम सांस तक हम लोगों को जोड़ते रहने का काम जारी रखेंगे.

Web Title: LMOTY 2019: Fadnavis flares up the film's hard questions

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