प्रोफाइल को आधार से जोड़नाः सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र, गूगल ,ट्विटर, यूट्यूब और अन्य को नोटिस भेजा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 20, 2019 14:34 IST2019-08-20T14:34:07+5:302019-08-20T14:34:07+5:30
यूजर प्रोफाइल आधार से जोड़ने को लेकर उच्चतम न्यायालय फेसबुक की उस याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गया है, जिसमें विभिन्न उच्च न्यायालयों में लंबित मामलों को सर्वोच्च अदालत में स्थानांतरित करने की मांग की गई है। यूजर प्रोफाइल को आधार से जोड़ने को लेकर मामले स्थानांतरित करने की मांग कर रही फेसबुक की याचिका पर उच्चतम न्यायालय ने केन्द्र, गूगल, ट्विटर और अन्य को नोटिस जारी किया।

फेसबुक इंक तमिलनाडु सरकार के इस सुझाव का इस आधार पर विरोध कर रहा है कि 12-अंकों की आधार संख्या को साझा करने से उपयोगकर्ताओं की गोपनीयता नीति का उल्लंघन होगा।
उच्चतम न्यायालय फेसबुक इंक की उस याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गया है जिसमें उपयोगकर्ता के सोशल मीडिया अकाउंट को आधार नंबर से जोड़ने की मांग करने वाले मामलों को मद्रास,बंबई और मध्य प्रदेश के उच्च न्यायालयों से उच्चतम न्यायालय स्थानांतरित करने की मांग की गई है।
उच्चतम न्यायालय ने केन्द्र,गूगल ,ट्विटर, यूट्यूब और अन्य को नोटिस भेज कर 13 सितंबर तक जवाब देने को कहा। न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायूमर्ति अनिरुद्ध बोस की पीठ ने कहा कि जिन पक्षों को नोटिस जारी नहीं किए गए हैं उन्हें ईमेल से नोटिस भेजे जाएं।
SC issues notices to Centre, Twitter, Google & YouTube on plea filed by Facebook for transfer of petitions pending in High Courts across the country that demand to interlink Aadhaar database with social media profiles for authentication of identity,to SC; Next hearing on Sept 13 pic.twitter.com/FG4DUQQnRu
— ANI (@ANI) August 20, 2019
पीठ ने कहा कि उपयोगकर्ता के सोशल मीडिया प्रोफाइल को आधार से जोड़ने के जो मामले मद्रास उच्च न्यायालय में लंबित हैं उन पर सुनवाई जारी रहेगी लेकिन कोई अंतिम फैसला नहीं दिया जाएगा। गौरतलब है कि तमिलनाडु सरकार ने उच्चतम न्यायालय से सोमवार को कहा था कि फर्जी खबरों के प्रसार, मानहानि, अश्लील , राष्ट्र विरोधी एवं आतंकवाद से संबंधित सामग्री के प्रवाह को रोकने के लिए सोशल मीडिया अकाउंट को उसके उपयोगकर्ताओं के आधार नंबर से जोड़ने की आवश्यकता है।
फेसबुक इंक तमिलनाडु सरकार के इस सुझाव का इस आधार पर विरोध कर रहा है कि 12-अंकों की आधार संख्या को साझा करने से उपयोगकर्ताओं की गोपनीयता नीति का उल्लंघन होगा। फेसबुक इंक ने कहा कि वह तीसरे पक्ष के साथ आधार संख्या को साझा नहीं कर सकता है क्योंकि त्वरित मैसेजिंग ऐप व्हाट्सऐप के संदेश को कोई और नहीं देख सकता है और यहां तक कि उनकी भी पहुंच नहीं है।