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आकाशीय बिजली : मृतकों के परिजनों को पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता देगी राजस्थान सरकार

By भाषा | Updated: July 12, 2021 22:59 IST

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जयपुर, 12 जुलाई राज्य में पिछले चौबीस घंटों में आकाशीय बिजली गिरने के प्राकृतिक हादसों में मरे लोगों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये और घायलों को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की राजस्थान सरकार ने सोमवार को घोषणा की।

गौरतलब है कि राज्य के जयपुर, झालावाड़, कोटा, सवाई माधोपुर, टोंक, बारां और धौलपुर जिलों में रविवार को बिजली गिरने की अलग-अलग घटनाओं में सात बच्चों सहित 23 लोगों की मौत हो गई जबकि 27 अन्य लोग घायल हो गये।

सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सात जिलों में बिजली गिरने की घटनाओं घायल हुए लोगों को दो-दो लाख रुपये की सहायता राशि देने का निर्देश दिया है।

इससे पहले मुख्यमंत्री गहलोत ने ट्वीट किया था कि हादसों में मरे लोगों के परिजन को पांच-पांच लाख रुपये की सहायता राशि व घायलों को नियमानुसार मुआवजा देने के निर्देश दिए गए हैं।

बिजली गिरने की सबसे बड़ी त्रासदी राजधानी जयपुर के पास विख्यात आमेर के किले पर हुई। जहां रविवार शाम मानसून की पहली बारिश का आनंद लेने के लिए एक वॉच टावर पर बड़ी संख्या में युवा एकत्रित थे कि अचानक आसमानी आपदा टूट पड़ी। आपदा प्रबंधन व नागरिक सुरक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इस घटना में एक युवती सहित 12 लोगों की मौत हो गई।

राज्य आपदा प्रबंधन (एसडीआरएफ) के कमांडेंट पंकज चौधरी ने बताया कि वॉच टावर से नीचे जंगल में लोगों के गिरने की आशंका को देखते हुए रविवार रात से लेकर सोमवार सुबह सात बजे तक खोज अभियान चलाया गया। इसमें ड्रोन और ड्रैगन लाइट जैसे आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल किया गया हालांकि इस दौरान कोई हताहत नहीं मिला।

वहीं कोटा में चार बच्चों, धौलपुर में तीन बच्चों और झालावाड़, बारां, सवाई माधोपुर और टोंक में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई। वहीं आकाशीय बिजली की चपेट में आने से एक गाय और 11 बकरियों सहित 16 पशुओं की मौत हो गई।

आपदा प्रबंधन व नागरिक सुरक्षा विभाग के शासन सचिव आनंद कुमार ने बताया कि मृतकों के आश्रितों को अनुग्रह सहायता एवं घायलों के इलाज के लिए 1.65 करोड़ रुपये सम्बन्धित जिला कलेक्टरों को जारी किये गए हैं।

मुख्यमंत्री गहलोत ने सोमवार को आपदा प्रबंधन, सहायता एवं नागरिक सुरक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ मानसून की तैयारियों के संबंध में समीक्षा बैठक की। इसमें उन्होंने कहा कि किसी भी आपदा की स्थिति में संभागीय आयुक्त, जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक आवश्यक रूप से संवेदनशील होकर तुरंत मौके पर पहुंच कर राहत कार्यों का संचालन करें। इस संबंध में अधिकारियों की लापरवाही पर कठोर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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