विपक्ष का नेतृत्वः ममता ने कहा- सबकुछ परिस्थितियों पर निर्भर करेगा

By भाषा | Updated: July 28, 2021 21:05 IST2021-07-28T21:05:54+5:302021-07-28T21:05:54+5:30

Leadership of opposition: Mamta said - everything will depend on the circumstances | विपक्ष का नेतृत्वः ममता ने कहा- सबकुछ परिस्थितियों पर निर्भर करेगा

विपक्ष का नेतृत्वः ममता ने कहा- सबकुछ परिस्थितियों पर निर्भर करेगा

नयी दिल्ली, 28 जुलाई पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भारतीय जनता पार्टी को रोकने के लिए विपक्ष का चेहरा बनाए जाने के मुद्दे पर बुधवार को मिलीजुली प्रतिक्रिया दी और कहा कि यह सब परिस्थितियों पर निर्भर करेगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यदि उनके अलावा किसी और को विपक्ष का नेतृत्व दिया जाता है तो उन्हें कोई समस्या नहीं है।

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद राष्ट्रीय राजधानी की पहली यात्रा पर आईं बनर्जी ने कहा कि चुनाव में उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस का नारा था- ‘खेला होबे’, जो कि अब देशभर में गूंजेगा। उन्होंने कहा कि अब “अच्छे दिन” की बजाय “सच्चे दिन” आने का समय है।

बनर्जी को 2024 के आम चुनाव के लिए उनकी पार्टी द्वारा विपक्ष का चेहरा बनाने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन इसे लेकर खुद उनके भीतर मिलाजुला भाव है। नेतृत्व के मुद्दे पर उन्होंने कहा, “मैं स्थिति से मुकाबले के लिए सभी विपक्षी दलों की सहायता करना चाहती हूं। मैं नेता नहीं, बल्कि आम कार्यकर्ता बनना चाहती हूं।”

बनर्जी से यहां संवाददाताओं ने पूछा कि क्या वह विपक्ष का चेहरा बनना चाहती हैं, जिसके जवाब में उन्होंने कहा, “मैं कोई राजनीतिक भविष्यवक्ता नहीं हूं। यह परिस्थिति पर निर्भर करता है। अगर कोई और नेतृत्व करता है तो मुझे कोई समस्या नहीं। जब इस मुद्दे पर चर्चा होगी तब हम निर्णय ले सकते है। मैं अपना निर्णय किसी पर थोप नहीं सकती।”

तृणमूल अध्यक्ष बनर्जी, प्रधानमंत्री के सबसे तीखे आलोचकों में से एक हैं। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल एक साथ बैठेंगे और इस पर निर्णय करेंगे कि मोदी के खिलाफ कौन उम्मीदवार होगा। उन्होंने कहा, “जब मोदी अगला चुनाव लड़ेंगे तब उन्हें पूरे देश से लड़ना होगा।”

उन्होंने भाजपा के 2014 के चुनावी नारे पर कटाक्ष करते हुए कहा, “मैं सच्चा दिन देखना चाहती हूं, बहुत द अच्छे दिन देख लिये।” पांच दिवसीय यात्रा पर दिल्ली आईं बनर्जी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से चाय पर मुलाकात की और दिल्ली के मुख्यमंत्री से भी मिलीं।

मंगलवार को उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस के अन्य नेताओं से मुलाकात की थी। बनर्जी ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल के नेता लालू प्रसाद यादव से फोन पर बातचीत की थी। कांग्रेस पार्टी और तृणमूल से उसके संबंध के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी से उनका संबंध दशकों पुराना है।

बनर्जी ने कांग्रेस के भविष्य पर टिप्पणी करने से मना कर दिया और कहा कि यह पार्टी का अंदरूनी मामला है। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी विपक्ष की एकता चाहती हैं।

भाजपा के विरुद्ध क्षेत्रीय दलों की एकता नहीं होने के मुद्दे पर बनर्जी ने कहा, “उत्तर प्रदेश में अगर संबंधित नेताओं को भाजपा के खिलाफ लड़ना है तो उन्हें साथ आना होगा। यदि मायावती जैसी नेता अकेले लड़ना चाहती हैं तो वह लड़ेंगी। इसमें मैं क्या कर सकती हूं?”

उन्होंने कहा, “मैं सभी का सम्मान करती हूं, जितना सम्मान किया जाना चाहिए।” पेगासस के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि स्थिति आपातकाल से भी ज्यादा गंभीर है और केंद्र सरकार जवाब नहीं दे रही।

तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष बनर्जी ने कहा, “सभी जगह वे प्रवर्तन निदेशालय आयकर विभाग को छापा मारने के लिए भेज रहे हैं। यहां कोई जवाब नहीं दे रहा है। लोकतंत्र में सरकार को जवाब देना चाहिए। स्थिति बेहद गंभीर है, यह आपातकाल से भी ज्यादा गंभीर है।

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Web Title: Leadership of opposition: Mamta said - everything will depend on the circumstances

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