महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में भीषण दुर्घटना हुई है। रायगढ़ जिले के महाड़ तहसील के तलीये गांव में पहाड़ से चट्टान खिसकने के चलते भीषण हादसा हुआ है। जिसमें 36 लोगां की मौत हो गई है। यह चट्टान खिसककर लोगों के घरों पर जा गिरी। इसके चलते पूरा गांव में तबाही मच गई। चट्टान गिरने से गांव के 35 घर इसके नीचे दब गए। आशंका जताई जा रही है कि मलबे के नीचे बड़ी संख्या में लोग दबे हो सकते हैं। यह दुर्घटना कल शाम 4ः30 की बताई जा रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुर्घटना के लेकर दुख जताया है। साथ ही उन्होंने मृतकों के परिवारों के लिए 2-2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता की घोषणा की है। वहीं घायलों के लिए 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया गया है।
महाराष्ट्र विधानपरिषद के नेता प्रतिपक्षप प्रवीण दरेकर ने आशंका जताई है कि हादसे में कम से कम 40 से 50 लोग मलबे के नीचे और दबे हो सकते हैं। वहीं स्थानीय लोगों के मुताबिक यह संख्या लगभग दो गुनी है। उनका कहना है कि करीब 80 से 90 लोग मलबे में दबे हो सकते हैं।
दरेकर का आरोप है कि इतनी बड़ी दुर्घटना के बावजूद बचाव कार्य के लिए प्रशासन की ओर से कोई टीम नहीं पहुंची। मलबे से निकाले गए 36 शवों को स्थानीय लोगों ने ही बाहर निकाला है। स्थानीय लोगों का कहना है कि बारिश के कारण ज्यादातर लोग अपने घरों में ही थे।
जिलाधिकारी निधि चौधरी के मुताबिक, प्रशासन को कल शाम को 5ः30 बजे प्रशासन को दुर्घटना के बारे में जानकारी मिली थी और उसके बाद कल ही एनडीआरएफ की टीम को सूचना दे दी गई थी। बताया जा रहा है कि दोपहर एक बजे तक भी एनडीआरएफ की टीम मौके पर नहीं पहुंच सकी थी। इस दौरान स्थानीय लोग अपने स्तर पर ही बचाव कार्य में जुटे रहे। हालांकि अब एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंच चुकी है। 12 सदस्यीय टीम के साथ ही मेडिकल सहायता के लिए एम्बुलेंस भी गांव में पहुंची हैं। जिसके बाद गांव में बचाव और राहत कार्य ने तेजी पकड़ी है।
अंबेघर में 12 लोगों की मौत की आशंका
महाराष्ट्र में भीषण बारिश के कारण चट्टान खिसकने की एक और घटना सामने आई है। जिसमें सातारा के अंबेघर में 12 लोगों की मौत की आशंका जताई जा रही है। अंबेघर में भी भारी बारिश हुई है। वहीं रत्नागिरी के चिपलून के पोसरे बौद्धवाडी गांव में भी चट्टान खिसकने की एक और घटना के चलते 17 लोग फंस गए हैं। जिन्हें बचाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।