लाला लाजपत राय का निधन आज ही के दिन यानी 17 नवंबर 1928 को हुआ था। लाला लाजपत राय पंजाब केसरी के वनाम से भी विख्यात थे। लाला लाजपत राय ने बहुत से क्रांतिकारियों को प्रभावित किया उन्हीं में से एक थे भगत सिंह। वर्ष 1928 में साइमन कमीशन के विरुध प्रदर्शन के दौरान लाठी-चार्ज में बुरी तरह घायल होने के बाद 17 नवंबर वर्ष 1928 में उनका निधन हो गया। ऐसे में आज लाला लाजपत को कई दिग्गजों ने श्रद्धांजलि दी है।
भारतीय जनता पार्टी की ओर से ट्वीट करके लाला लाजपत राय को ट्वीट करके श्रद्धांजलि दी गई है। फोटो के साथ लिखा गया है कि पंजाब केसरी लाला लाजपत राय जी की पुण्यतिथि पर कोटि-कोटि नमन।
तेजस्वी यादव ने ट्वीट करके लिखा है कि स्वतंत्रता सेनानी पंजाब केसरी श्रीमान # लालाजपतराय जी को मेरी विनम्र श्रद्धांजलि उनकी पुण्यतिथि पर !
कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने ट्वीट करके लिखा है कि पंजाब केसरी, # लालाजपतराय को उनकी पुण्यतिथि पर मेरी श्रद्धांजलि ।वह एक महान नेता और स्वतंत्रता आंदोलन के लेखक थे, जिनकी निडरता हमेशा एक प्रेरणा होगी ।
मनोज सिन्हा ने ट्वीट करके लिखा कि महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, 'पंजाब केसरी' लाला लाजपत राय जी की पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि।
कांग्रेस के नेता रनदीप सुरजेवाला ने भी ट्वीट करते लाजपत को श्रृद्धांजलि दी “मेरे शरीर पर पड़ी एक-एक लाठी ब्रिटिश सरकार के ताबूत में एक-एक कील का काम करेगी,महान् स्वतंत्रता सेनानी, 'पंजाब केसरी', 'शेर-ए-पंजाब', लाला लाजपत राय जी की पुण्यतिथि पर उन्हें मेरी विनम्र श्रद्धांजलि 🙏🏻
कांग्रेस पार्टी के गरम दल के प्रमुख नेताओं में से लाला भी एक थे, इनकी बाल गंगाधर तिलक और बिपिन चंद्र पाल के साथ अच्छी बनती थी इसलिए इस त्रिमूर्ति को लाल-बाल-पाल का नाम दिया गया था। लाला लाजपत राय ने डियन होम लीग ऑफ़ अमेरिका की स्थापना की और “यंग इंडिया” नामक एक पुस्तक लिखी थी। इस किताब के कारण ब्रिटिश शासन ने उन पर कई गंभीर आरोप लगाए थे और इसे ब्रिटेन और भारत में प्रकाशित होने से पहले ही प्रतिबंधित कर दिया गया। 1920 में विश्व युद्ध खत्म होने के बाद ही वह भारत लौट पाये।