लखीमपुर हिंसा: एसआईटी जांच की निगरानी पूर्व न्यायाधीश राकेश कुमार जैन करेंगे
By भाषा | Published: November 17, 2021 05:29 PM2021-11-17T17:29:50+5:302021-11-17T17:29:50+5:30
नयी दिल्ली, 17 नवंबर उच्चतम न्यायालय ने लखीमपुर खीरी मामले में उत्तर प्रदेश के विशेष जांच दल (एसआईटी) की हरेक दिन की जांच की निगरानी करने के लिए बुधवार को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश राकेश कुमार जैन को नियुक्त किया। लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर को हुई इस हिंसा में चार किसान सहित आठ लोगों की मौत हो गई थी।
प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण, न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने राज्य सरकार द्वारा दिए गए आईपीएस अधिकारियों के नामों पर भी गौर किया और जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) में तीन आईपीएस अधिकारियों को शामिल किया।
पीठ ने कहा, “अब हमने सत्यापित किया है और उस संबंधित न्यायाधीश से संपर्क किया है जिनके बारे में हमने सोचा था। वह हैं- पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति राकेश कुमार जैन, जो चल रही जांच की निगरानी करेंगे, ताकि पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित हो सके।’’
शीर्ष अदालत ने आगे कहा कि आईजी रैंक के पुलिस अधिकारी पद्मजा चौहान सहित तीन आईपीएस अधिकारियों को समायोजित करने के लिए उत्तर प्रदेश एसआईटी का पुनर्गठन करना होगा।
पीठ ने कहा, ‘‘उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश की देखरेख में एसआईटी की जांच जारी रखी जाएगी और आरोप पत्र दायर होने एवं पूर्व न्यायाधीश द्वारा स्थिति रिपोर्ट दाखिल किये जाने के बाद मामले को फिर से सूचीबद्ध किया जाएगा।’’
प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि विस्तृत आदेश जल्द ही पारित किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश सरकार ने 15 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट के इस सुझाव पर सहमति जताई थी कि राज्य एसआईटी की जांच की निगरानी के लिए उसकी पसंद के एक पूर्व न्यायाधीश को नियुक्त किया जा सकता है।
इससे पहले शीर्ष अदालत ने कहा था कि उसे कोई भरोसा नहीं है और वह नहीं चाहता कि राज्य सरकार द्वारा नियुक्त एक सदस्यीय न्यायिक आयोग लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की जांच जारी रखे। लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया-बनबीरपुर मार्ग पर हुई हिंसा की जांच के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति प्रदीप कुमार श्रीवास्तव को राज्य सरकार ने पहले नामित किया था।
पीठ ने कहा था, "हम दिन-प्रतिदिन जांच की निगरानी के लिए एक अलग उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश को नियुक्त करने के इच्छुक हैं और फिर देखते हैं कि अलग-अलग आरोप पत्र कैसे तैयार किए जाते हैं।"
पीठ की ओर से बोलते हुए न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के दोनों पूर्व न्यायाधीशों, न्यायमूर्ति रंजीत सिंह और न्यायमूर्ति राकेश कुमार जैन के नामों का सुझाव दिया था और कहा था कि वे आपराधिक कानून के क्षेत्र में अनुभवी हैं और मामलों में आरोप पत्र दाखिल किये जाने तक एसआईटी जांच की निगरानी करेंगे। पुलिस इस मामले में अब तक केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा समेत 13 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है.
शीर्ष अदालत तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के मामले की सुनवाई कर रही थी जिसमें किसानों के प्रदर्शन के दौरान चार किसान सहित आठ लोगों की मौत हो गई थी।
लखीमपुर खीरी में काफिले में शामिल एक एसयूवी द्वारा चार किसानों को उस वक्त कुचल दिया गया था, जब केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे एक समूह ने तीन अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की यात्रा के खिलाफ प्रदर्शन किया।
गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर दो भाजपा कार्यकर्ताओं और एक ड्राइवर की पीट-पीट कर हत्या कर दी थी और हिंसा में एक स्थानीय पत्रकार की मौत हो गई थी।
उत्तर प्रदेश सरकार ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की एसआईटी जांच की निगरानी, उच्चतम न्यायालय की पसंद से नियुक्त एक पूर्व न्यायाधीश से कराने के उसके सुझाव पर 15 नवंबर को सहमति जताई थी।
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