उपराज्यपाल बदले जाने के बावजूद लद्दाखियों ने आंदोलन स्थगित करने से किया इंकार, जानें मामला

By सुरेश एस डुग्गर | Published: February 13, 2023 04:25 PM2023-02-13T16:25:54+5:302023-02-13T16:27:15+5:30

दबे स्वर में राजविलास अर्थात राजभवन लद्दाख के सूत्र कहते थे कि उपराज्यपाल के रूप में माथुर ने तीन साल के लंबे कार्यकाल के दौरान लेह की तुलना में दिल्ली में अधिक समय बिताया। 

Ladakhis refuse to suspend the agitation despite the change of Lieutenant Governor | उपराज्यपाल बदले जाने के बावजूद लद्दाखियों ने आंदोलन स्थगित करने से किया इंकार, जानें मामला

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsजानकारी के लिए अपनी मांगों पर दबाव बढ़ाने की खातिर लद्दाखवासियों ने 15 फरवरी को दिल्ली चलो का आह्वान किया है।लद्दाख में फैले असंतोष के लिए अब पूर्व उपराज्यपाल बीके माथुर को ही जिम्मेदार माना जा रहा है।

जम्मू: लद्दाख  में उपराज्यपाल को बदले जाने के बावजूद लद्दाखियों ने अपने उस आंदोलन को स्थगित करने या रोक देने से इंकार कर दिया है जिसके तहत वे लद्दाख के लिए स्टेटहुड और अन्य विशेषाधिकार चाहते हैं। जानकारी के लिए अपनी मांगों पर दबाव बढ़ाने की खातिर लद्दाखवासियों ने 15 फरवरी को दिल्ली चलो का आह्वान किया है।

सूत्रों के मुताबिक, लद्दाख में फैले असंतोष के लिए अब पूर्व उपराज्यपाल बीके माथुर को ही जिम्मेदार माना जा रहा है। दबे स्वर में राजविलास अर्थात राजभवन लद्दाख के सूत्र कहते थे कि उपराज्यपाल के रूप में माथुर ने तीन साल के लंबे कार्यकाल के दौरान लेह की तुलना में दिल्ली में अधिक समय बिताया। 

यही नहीं जनवरी को लद्दाख के कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने लेफ्टिनेंट गवर्नर माथुर पर क्षेत्र में आतंकवाद के बीज बोने का आरोप लगाते हुए ट्विटर पर एक वीडियो भी पोस्ट किया था। वांगचुक ने इस वीडियो में कहा था कि एलजी साहब इस दर पर तो मैं कहूंगा कि आप बहुत मेहनत कर रहे हैं लद्दाख जैसी शांत क्षेत्र में मिलिटेंसी का बीज बोने के लिए जिस तरह आपने नौजवानों को बेरोजगार रखा है। 

याद रहे सोनम वांगचुक ने शून्य से 20 डिग्री नीचे के तापमान में पांच दिनों तक क्लाइमेट फास्ट करके पूरी दुनिया का ध्यान लद्दाख की ओर खींच लिया था और यही पूर्व उपराज्यपाल के ताबूत में आखरी कील साबित हुआ था। 

लद्दाख को करगिल समेत स्टेटहुड का दर्जा देने और संविधान की छठी सूची के तहत विशेषाधिकार देने के लिए आंदोलनरत लद्दाख की जनता को दरअसल केंद्र शासित प्रदेश का वह दर्जा रास नहीं आया है जो उन्हें 30 सालों के आंदोलन के उपरांत मिला था।

Web Title: Ladakhis refuse to suspend the agitation despite the change of Lieutenant Governor

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