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Kurhani Assembly by-election 2022: एआईएमआईएम ने महागठबंधन नेताओं की नींद हराम की, सताने लगा हारने का डर, जानें समीकरण

By एस पी सिन्हा | Updated: December 1, 2022 17:43 IST

Kurhani Assembly by-election 2022:  महागठबंधन के नेता लगातार दौरा कर माय (एम-वाई) समीकरण को साधने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन उन्हें अल्पसंख्यक वोट बैंक में बिखराव का डर अंदर से हिला कर रख दिया है।

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ठळक मुद्देकुढ़नी में भी गोपालगंज जैसा हश्र होने का डर सताने लगा है।साल 2020 में कुढ़नी सीट से एआईएमआईएम नहीं लड़ी थी।हैदराबाद में होने वाले उपचुनाव क्यों नहीं लड़ रही है?

पटनाः बिहार में मुजफ्फर जिले के कुढ़नी में हो रहे विधानसभा के उपचुनाव को लेकर एक तरफ जहां महागठबंधन की ओर से भले ही पूरा दमखम लगा दिया गया है, लेकिन असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने सबकी नींद हराम कर दी है। एआईएमआईएम ने कुढ़नी में अपना दमदार उम्मीदवार को उतार दिया है, इससे महागठबंधन के नेताओं की चिंता बढ़ गई है।

उन्हें कुढ़नी में भी गोपालगंज जैसा हश्र होने का डर सताने लगा है। महागठबंधन के नेता लगातार दौरा कर माय(एम-वाई) समीकरण को साधने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन उन्हें अल्पसंख्यक वोट बैंक में बिखराव का डर अंदर से हिला कर रख दिया है। साल 2020 में कुढ़नी सीट से एआईएमआईएम नहीं लड़ी थी। राजद के अनिल सहनी ने जीत हासिल की थी।

उन्होंने भाजपा के केदार प्रसाद गुप्ता को हराया था। जबकि साल 2020 में भाजपा और जदयू एक साथ गठबंधन में थी। ऐसे में कहा जा रहा है कि एआईएमआईएम महागठबंधन के वोट बैंक में सेंध लगाएगी। हाल ही में गोपालगंज में हुए उप चुनाव में एआईएमआईएम के उम्मीदवार अब्दुल सलाम को 12,214 वोट मिले थे, जिसने महागठबंधन का खेल बिगाड़ दिया था।

ऐसे में लोग यह मानकर चल रहे हैं कि आईएमआईएम के उम्मीदवार होने से अल्पसंख्यक मतदाताओं का वोट बंटने की संभावना बढ़ी है। बताया जा रहा है कि जदयू की नजर जहां राजद के वोट बैंक मुस्लिम, यादव सहित पिछड़ों और वाम कैडरों पर है, वहीं भाजपा सवर्ण और अति पिछड़ों, वैश्य के जरिए चुनावी वैतरणी पार करने के जुगाड़ में है।

इधर, कहा जा रहा है कि सहनी निषादों के आलावा उम्मीदवार के जरिए सवर्ण मतदाताओं को आकर्षित कर सकते हैं। लेकिन कुढ़नी में अल्पसंख्यक वोट बैंक में बिखराव ना हो इसे लेकर राजद और जदयू दोनों मेहनत कर रहे हैं और लोगों को एआईएमआईएम को भाजपा का ’बी’ टीम बताकर निशाना साधने की कोशिश कर रहे हैं।

तेजस्वी यादव ने बुधवार को कुढ़नी के तुर्की में जनसभा करते हुए बताया कि ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है। लोगों को लगता है कि दोनों अलग है तो ऐसा नहीं है। तेजस्वी ने विस्तार से बताते हुए कहा कि एआईएमआईएम की पार्टी आखिर अपने गढ़ हैदराबाद में होने वाले उपचुनाव क्यों नहीं लड़ रही है?

ओवैसी की पार्टी हैदराबाद के साथ तेलांगना, आंध्र कही भी उपचुनाव में नहीं लड़ रही फिर बिहार में हो रहे उपचुनाव में क्यों लड़ रही है? यह समझने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भाजपा ओवैसी के साथ मिलकर अल्पसंख्यक वोट के बिखराव की राजनीति कर रही  है ताकि, गठबंधन को नुकसान हो। लोगों को एआईएमआईएम को सबक सिखाना चाहिए।

टॅग्स :उपचुनावअसदुद्दीन ओवैसीBJPजेडीयूआरजेडीतेजस्वी यादव
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