नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में सोमवार (8 जून) को आतंकवादियों के हमले में जान गंवाने वाले कश्मीरी पंडित सरपंच अजय पंडित पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने दुख जताया है। स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने ट्वीट कर लिखा, ''कश्मीर में अल्पसंख्यक सरपंच अजय पंडित जी का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। उनकी हत्या, कश्मीर में आम लोगों में डर व विभिन्न वर्गों में नफरत पैदा करने की एक साजिश है।सीमा पार बैठे इनके आकाओं को समझ लेना चाहिए कि कश्मीर में लोकतंत्र को कमजोर करने की उनकी साजिश कभी सफल नहीं होगी।''
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन के इसी ट्वीट पर बने एक खबर को रिट्वीट करते हुए आम आदमी पार्टी (AAP) के पूर्व नेता और लेखक कुमार विश्वास ने तंज कसा है। हिंदी वेबसाइट की खबर के ट्वीट पर, जिसमें लिखा था- ''जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले में सरपंच अजय पंडिता की हत्या पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने दुख जताया है''
कुमार विश्वास ने बुधवार को किए अपने ट्वीट में लिखा, ''सिर्फ दुख? केंद्र में सरकार, राज्य पर नियंत्रण और कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास के मुद्दे पर दशक भर प्रवचन के बाद भी सिर्फ़ दुख। क्या कांग्रेस के दुख में “बड़े ऊ” की मात्रा थी जो देश ने कश्मीरी पंडितों की उम्मीदों के लिए आपको चुना? समय रहते समझिए।''
सरपंच अजय पंडित के अंतिम संस्कार में शामिल हुई कांग्रेस-बीजेपी नेता
जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में सोमवार (8 जून) को आतंकवादियों के हमले में जान गंवाने वाले कश्मीरी पंडित सरपंच अजय पंडित का 9 जून को अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस दौरान कांग्रेस, भाजपा और अन्य दलों के नेताओं समेत काफी लोग मौजूद रहे। कोविड-19 पाबंदियों की अनदेखी कर शक्तिनगर श्मशान में सरपंच के अंतिम संस्कार में शामिल हुए कई लोगों ने पाकिस्तान और आतंकवादी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) के खिलाफ नारे लगाए।
पुलिस ने बताया था कि कांग्रेस सदस्य तथा अनंतनाग जिले के लरकीपुरा इलाके में लुकबावन पंचायत हलका के सरपंच पंडित (40) की सोमवार शाम करीब छह बजे उनके पैतृक गांव में आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। कश्मीरी पंडित समुदाय के कुछ लोगों ने आतंकवादी संगठन की धमकियों के बाजवूद पंचायत को सुरक्षा मुहैया कराने में कथित रूप से नाकाम रहने के लिए अधिकारियों के खिलाफ विरोध जताया।
कश्मीरी पंडित संगठनों का क्या है कहना?
कश्मीरी पंडित संगठनों का कहना है कि 16 साल में अल्पसंख्यक समुदाय के किसी सदस्य की हत्या का यह पहला मामला है। उन्होंने कहा कि यह 90 के दशक की तरह समुदाय के लोगों के बीच डर बैठाने की कोशिश है। अधिकारियों ने कहा कि तिरंगे में लिपटे पंडित के पार्थिव शरीर को मंगलवार सुबह कश्मीर से जम्मू में उनके घर ले जाया गया। इसके बाद पार्थिव शरीर को श्मशान ले जाया गया, जहां सैंकड़ों लोग उन्हें श्रद्धाजंलि देने आए थे।
पंडित के अंतिम संस्कार में भाजपा की जम्मू-कश्मीर इकाई के अध्यक्ष रविंदर रैना, जम्मू-कश्मीर कांग्रेस अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर, एपीएमसीसी के अध्यक्ष विनोद पंडित समेत कई नेता मौजूद थे। लोगों के एक वर्ग ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन का कोई प्रतिनिधि मौजूद नहीं होने पर नाराजगी जताई।