तीन तलाक विधेयक पास होने के बाद कुमार विश्वास ने शायराना अंदाज में दी मुस्लिम महिलाओं को बधाई
By रामदीप मिश्रा | Published: July 31, 2019 01:29 PM2019-07-31T13:29:19+5:302019-07-31T13:34:33+5:30
मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक को राज्यसभा ने 84 के मुकाबले 99 मतों से पारित कर दिया। लोकसभा इसे पहले ही पारित कर चुकी है।
मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक पहले लोक सभा और फिर मंगलवार (30 जुलाई) को राज्य सभा से पारित हो गया। इस बिल को राज्य सभा से पारित करवाने के बाद नरेंद्र मोदी की सरकार की बड़ी उपलब्धि कही जा रही है। तीन तलाक बिल को लेकर कुमार विश्वास ने एक शायरी ट्वीट कर बिल का स्वागत शायराना अंदाज में किया है।
उन्होंने साजिद सजनी का शायरी को ट्वीट करते हुए लिखा, 'तलाक़ दे तो रहे हो इताब-ओ-क़हर के साथ, मिरा शबाब भी लौटा दो मेरी महर के साथ।' उनका ये ट्वीट वायरल हो गया और लोग अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
तलाक़ दे तो रहे हो इताब-ओ-क़हर के साथ
— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) July 30, 2019
मिरा शबाब भी लौटा दो मेरी महर के साथ ।
(साजिद सजनी)
Congratulations🇮🇳 #TripleTalaqBill
एक यूजर लिखता है, '1988 में राजीव गांधी द्वारा की गयी गलती को आज मोदी जी ने सही कर दिया है।'
#TripalTalaq
— Atharva Raj (@rims88) July 30, 2019
1988 में राजीव गांधी द्वारा की गयी गलती को आज मोदी जी ने सही कर दिया है।
दूसरे यूजर ने लिखा, 'सभ्य समाज के लिए नासुर सरीखी इस क्रूर प्रथा को खत्म करने के लिए लिए देश भर की मुस्लिम महिलाएं आजीवन माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की आभारी रहेंगी'
सभ्य समाज के लिए नासुर सरीखी इस क्रूर प्रथा को खत्म करने के लिए लिए देश भर की मुस्लिम महिलाएँ आजीवन माननिय प्रधानमंत्री महोदय प्रिय @narendramodi ji की आभारी रहेंगी 😊#TripleTalaqBill
— Sachin Kohli (@SachinK22822249) July 30, 2019
आपको बता दें कि मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक को राज्यसभा ने 84 के मुकाबले 99 मतों से पारित कर दिया। लोकसभा इसे पहले ही पारित कर चुकी है। इससे पहले उच्च सदन ने विधेयक को प्रवर समिति में भेजने के विपक्षी सदस्यों द्वारा लाए गए प्रस्ताव को 84 के मुकाबले 100 मतों से खारिज कर दिया था। विधेयक पारित होने से पहले ही जदयू एवं अन्नाद्रमुक के सदस्यों ने इससे विरोध जताते हुए सदन से बहिर्गमन किया।
विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि एक प्रसिद्ध न्यायाधीश आमिर अली ने 1908 में एक किताब लिखी है। इसके अनुसार तलाक ए बिद्दत का पैगंबर मोहम्मद ने भी विरोध किया है। प्रसाद ने कहा कि एक मुस्लिम आईटी पेशेवर ने उनसे कहा कि तीन बेटियों के जन्म के बाद उसके पति ने उसे एसएमएस से तीन तलाक कह दिया है। एक कानून मंत्री के रूप में मैं उससे क्या कहता? क्या यह कहता कि उच्चतम न्यायालय के निर्णय को मढ़वा कर रख लो। अदालत में अवमानना का मुकदमा करो। पुलिस कहती है कि हमें ऐसे मामलों में कानून में अधिक अधिकार चाहिए।