कोविड-19 ने मृतकों के अंगदान कार्यक्रम पर नकारात्मक असर डाला है : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री
By भाषा | Published: November 27, 2020 09:40 PM2020-11-27T21:40:18+5:302020-11-27T21:40:18+5:30
नयी दिल्ली, 27 नवंबर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने शुक्रवार को कहा कि कोविड-19 से मृतकों के अंगदान कार्यक्रम पर नकारात्मक असर पड़ा है। उन्होंने लोगों को अंगदान के लिए भी प्रोत्साहित किया ।
राष्ट्रीय अंगदान दिवस के मौके पर हर्षवर्धन ने कहा कि अंगदान के पवित्र कार्य में कोई उम्र ,जाति, धर्म, समुदाय, मान्यता की बाधा नहीं होनी चाहिए।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने केंद्रीय मंत्री के हवाले से एक बयान में कहा, ‘‘अंगों के काम नहीं करने के कारण बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो जाती है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य पोर्टल के मुताबिक अंग उपलब्ध नहीं होने के कारण हर साल करीब पांच लाख लोग दम तोड़ देते हैं । मैं यह भी कहना चाहता हूं कि अंग दान के इस पवित्र काम में उम्र ,जाति, धर्म, समुदाय, मान्यता की बाधा नहीं होनी चाहिए।’’
हर्षवर्धन ने कहा, ‘‘अगर 18 साल से कम उम्र के बच्चे अंग दान करना चाहते हैं तो वे अपने माता-पिता या अभिभावकों की सहमति से ऐसा कर सकते हैं। वेबिनार, सेमिनार और कार्यशाला के जरिए इस अभियान का मकसद अंगदान के बारे में डर को खत्म करना और अंगदान को स्वीकार्यता प्रदान कर मूल समस्या को खत्म करना है।’’
उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण भारत में मृतकों के अंगदान कार्यक्रम पर नकारात्मक असर पड़ा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अंगदान दिवस जैसे राष्ट्रीय कार्यक्रमों में हम स्वास्थ्य क्षेत्र और मानवता की मदद के लिए मृतकों के अंगदान के योगदान को चिन्हित करते हैं।
उन्होंने कहा कि तमिलनाडु ने 295 अंग प्रतिरोपण किए। इनमें से फेफड़ा के 76 प्रतिरोपण मुख्य रूप से कोविड-19 से पीड़ित मरीजों पर किए गए।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘डब्ल्यूएचओ द्वारा अंगदान और प्रतिरोपण पर वैश्विक निगरानी (जीओडीटी) वेबसाइट के मुताबिक 2019 में 12,666 अंग प्रतिरोपण के साथ भारत विश्व में तीसरे स्थान पर रहा। इसके लिए राज्यों और स्वास्थ्य क्षेत्र के पेशेवरों के शानदार प्रदर्शन को हर कदम पर प्रोत्साहन मिलना चाहिए।
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