कोलकाता: मेडिकल कॉलेज अस्पताल में लगी आग, निकाले गए 250 मरीज, राहत एवं बचाव कार्य जारी
By भाषा | Published: October 3, 2018 08:12 PM2018-10-03T20:12:02+5:302018-10-03T20:12:02+5:30
पश्चिम बंगाल की राज्य स्वास्थ्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने पत्रकारों को बताया कि कार्डियोलोजी, जनरल मेडिसीन और हीमैटोलोजी वार्ड में भर्ती 250 मरीजों को अस्पताल के अन्य वार्ड में और साथ ही दूसरे अस्पतालों में स्थानांतरित किया गया है।
कोलकाता, तीन अक्टूबर: शहर के एक सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल की फार्मेसी में बुधवार को आग लग गई जिसके बाद तकरीबन 250 मरीजों को अस्पताल परिसर से बाहर निकाला गया। दमकल अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि भूतल पर स्थित डिस्पेंसरी में सुबह आठ बजे लगी इस आग में कोई हताहत नहीं हुआ। आग पर काबू पाने के लिए दमकल की 10 गाड़ियां घटनास्थल पर भेजी गईं।
अस्पताल की मुख्य इमारत के भूतल से धुआं निकलते हुए देखा गया। फार्मेसी भूतल पर ही स्थित है। वहां रखी गई सारी दवाएं जल कर खाक हो गईं।
पश्चिम बंगाल की राज्य स्वास्थ्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने पत्रकारों को बताया कि कार्डियोलोजी, जनरल मेडिसीन और हीमैटोलोजी वार्ड में भर्ती 250 मरीजों को अस्पताल के अन्य वार्ड में और साथ ही दूसरे अस्पतालों में स्थानांतरित किया गया है।
चंद्रिमा ने कहा कि आग में ढेर सारी दवाएं बरबाद हो गईं, लेकिन इससे मरीजों को कोई समस्या नहीं होगी।
अस्पताल में भर्ती कराए गए एक शख्स के बेटे ने बताया कि अग्निकांड के बाद उसके पिता की मौत हो गई।
कैंसर पीड़ित ने बयां किया दर्द
अस्पताल में भर्ती कैंसर पीड़ित ने बताया, ‘‘धुंआ देख कर मैं डर गया। सीढ़ियों पर लोग दौड़-भाग रहे थे। मुझे घुटन महसूस हो रही थी।’’
अस्पताल का दौरा करने के बाद नगर महापौर सोवन चटर्जी ने पत्रकारों से कहा कि आग को काबू में लाया जा चुका है।
उन्होंने कहा कि अस्पताल आग से निबटने के उपकरणों से सुसज्जित था। इसने अग्निशमन दस्ते को आग पर तेजी से काबू पाने में मदद की।
उनसे आग के कारणों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘फॉरेंसिक जांच के बाद इसका पता लगेगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे बताया गया कि मरीजों को बाहर निकाल लिया गया है। हम घटना के कारणों का पता लगा रहे हैं।’’
आम बोलचाल में कलकत्ता मेडिकल कॉलेज के नाम से जाने-जाने वाले ‘मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल’ की स्थापना 1835 में की गई थी और वह पुडुचेरी के ‘इकोल दे मेदिसीन’ के बाद भारत का दूसरा सबसे पुराना मेडिकल कॉलेज है।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रदीप भट्टाचार्य ने घटना की उच्च स्तरीय जांच की मांग की।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने इस अग्निकांड के लिए ममता बनर्जी सरकार को दोषी ठहराते हुए आरोप लगाया, ‘‘वे हर चीज में सिर्फ राजनीति करने में व्यस्त हैं।’’