Kishtwar Cloudburst: किश्तवाड़ में तबाही का भयावह मंजर, मलबे से शवों को निकालने का काम जारी; अब तक 60 शव बरामद
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 16, 2025 11:29 IST2025-08-16T11:25:37+5:302025-08-16T11:29:08+5:30
Kishtwar Cloudburst: अचानक आई बाढ़ के कारण कम से कम 16 आवासीय मकान एवं सरकारी इमारतें, तीन मंदिर, चार पवन चक्की, 30 मीटर लंबा एक पुल तथा 12 से अधिक वाहन क्षतिग्रस्त हो गए।

Kishtwar Cloudburst: किश्तवाड़ में तबाही का भयावह मंजर, मलबे से शवों को निकालने का काम जारी; अब तक 60 शव बरामद
Kishtwar Cloudburst: जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के सुदूर गांव चशोती में बादल फटने से मची तबाही के बाद शनिवार को लगातार तीसरे दिन समन्वित बचाव और राहत अभियान जारी रहा। इस घटना में अब तक 60 लोगों की मौत और 100 से अधिक लोगों के घायल होने की पुष्टि की गई है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) नलिन प्रभात के साथ शुक्रवार देर रात आपदाग्रस्त क्षेत्र का दौरा किया और पुलिस, सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ), सीमा सड़क संगठन (बीआरओ), स्थानीय प्रशासन और ऊंचाई वाले इलाकों में स्थानीय स्वयंसेवकों द्वारा किए जा रहे बचाव और राहत कार्यों की समीक्षा की।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि इस समय प्राथमिकता उन लोगों को तलाशने की है जो अब भी लापता हैं और जिनके मलबे के नीचे दबे होने की आशंका है। जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक नलिन प्रभात के साथ केंद्रीय मंत्री शुक्रवार आधी रात के बाद आपदाग्रस्त गांव चिशोती पहुंचे। सिंह ने गांव में संवाददताओं से कहा, ‘‘मुझे लगता है कि इतने बड़े स्तर की आपदा शायद इस क्षेत्र में पहले कभी नहीं देखी गई, और यह सभी के लिए चौंकाने वाली है... हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता अब भी लापता लोगों को ढूंढ़ना है।’’
उन्होंने कई लोगों के मलबे के नीचे दबे होने की आशंका जताई। राहत-बचाव कर्मियों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि तमाम मुश्किलों के बावजूद वे तुरंत मौके पर पहुंचे और काम में जुट गए। मंत्री ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि यह एक असाधारण स्थिति है, जहां प्राकृतिक आपदा के साथ-साथ खराब मौसम और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों जैसी प्राकृतिक बाधाएं भी हैं। उदाहरण के तौर पर, राहत के लिए भेजे गए हेलीकॉप्टर यहां तक नहीं पहुंच पाए हैं।’’
उन्होंने कहा कि दो राहत हेलीकॉप्टर उधमपुर में तैयार खड़े हैं और मौसम में सुधार का इंतजार किया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘इसके बावजूद, बचाव कार्यों के लिए सभी उपकरण रातोंरात यहां पहुंचा दिए गए, और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, राज्य आपदा मोचन बल, भारतीय सेना, भारतीय वायुसेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस जीवित बचे लोगों की तलाश कर रही है।’’
#Kishtwar Update:
— Dr Jitendra Singh (@DrJitendraSingh) August 16, 2025
It is well past midnight, and the rescue relief operations are going on in full swing.
I deeply appreciate the courageous effort of the Military, Paramilitary forces, Jammu & Kashmir Police and the administration, who have left no stone unturned in doing… pic.twitter.com/D0rSJFHwq6
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पुलिस प्रमुख बचाव अभियान की निगरानी के लिए क्षेत्र में डेरा डाले हुए हैं और सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) भी सक्रिय है क्योंकि इसके पास मलबा और कीचड़ हटाने के लिए खास उपकरण हैं जो इस काम में मददगार साबित होंगे। पीड़ितों के लिए राहत पैकेज के बारे में पूछे जाने पर, सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ठोस कदम उठाए हैं, बैठकें बुलाई हैं और शुक्रवार को विस्तृत जानकारी प्राप्त की है। उन्होंने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से भी बात की है। उन्होंने कहा, ‘‘स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम से बाहर आते ही, सबसे पहले मैं यहां पहुंचा...इससे आप समझ सकते हैं कि मोदी सरकार राहत कार्य को लेकर कितनी प्राथमिकता दे रही है।’’
NDRF officials said, "65 dead bodies have been recovered so far, 167 are rescued in injured condition and 38 people are in serious condition. While hundreds are missing."#kishtwarflashflood#cloudburstpic.twitter.com/Fin1KBDrOu
— Matakti aankhein (@prettymoon_23) August 15, 2025
अब तक 46 शवों की शिनाख्त हो चुकी है और कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद शव परिजनों को सौंप दिए गए हैं। इस बीच, 75 लोगों के लापता होने की सूचना उनके परिवारों ने दी है। स्थानीय लोगों और प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि अचानक आई बाढ़ में सैकड़ों लोगों के बहने और बड़े-बड़े पत्थरों, लकड़ियों और मलबे के नीचे दबने की आशंका है।
अधिकारियों ने बताया कि मृतकों में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के दो जवान और स्थानीय पुलिस के एक विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) शामिल हैं। किश्तवाड़ जिले के चशोती गांव में बृहस्पतिवार को बादल फटने से यह हादसा हुआ। मचैल माता मंदिर मार्ग में पड़ने वाले चशोती गांव में यह आपदा अपराह्न 12 बजकर 25 मिनट पर हुई। जिस समय हादसा हुआ, उस समय मचैल माता मंदिर यात्रा के लिए वहां बड़ी संख्या में लोग एकत्र थे।
यह यात्रा 25 जुलाई को आरंभ हुई थी और पांच सितंबर को समाप्त होनी थी। अचानक आई बाढ़ के कारण कम से कम 16 आवासीय मकान एवं सरकारी इमारतें, तीन मंदिर, चार पवन चक्की, 30 मीटर लंबा एक पुल तथा 12 से अधिक वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। मचैल माता यात्रा शनिवार को लगातार तीसरे दिन स्थगित रही। यह मंदिर 9,500 फुट की ऊंचाई पर स्थित है और यहां तक पहुंचने का 8.5 किलोमीटर का रास्ता किश्तवाड़ शहर से लगभग 90 किलोमीटर दूर चशोती से शुरू होता है।
❗ Kishtwar cloudburst leaves 60 Dead, rescue operation continues despite intermittent rains pic.twitter.com/r919sMRYnD
— Jammu Observer (@JammuObserver) August 15, 2025
बचाव कार्य तेज करने के लिए स्थानीय प्रशासन द्वारा लगभग 12 जेसीबी को तैनात किया गया है और एनडीआरएफ द्वारा विशेष उपकरणों व श्वान दस्ते का इस्तेमाल किया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री ने दौरे के बाद सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘लंबी और थका देने वाली इस चढ़ाई के बाद, मैं किश्तवाड़ में बादल फटने से तबाह हुए स्थल पर पहुंचा... काफी रात हो गई थी।’’ उनके साथ पुलिस महानिदेशक भी मौजूद थे और उन्हें जारी बचाव एवं राहत कार्यों की जानकारी दी गई।