किसान मुक्ति मार्च: किन मांगों को लेकर दिल्ली की सड़कों पर उमड़े लाखों किसान, जानें आज का कार्यक्रम
By आदित्य द्विवेदी | Published: November 30, 2018 08:39 AM2018-11-30T08:39:15+5:302018-11-30T08:39:15+5:30
Farmers protests in Delhi: शुक्रवार को संसद मार्ग पर आयोजित किसान सभा में आंदोलन का समर्थन कर रहे विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता शिरकत करेंगे। पढ़िए किसानों की मांगें और उनका दर्द बयां करती ये ग्राउंड रिपोर्ट
देश में लोकसभा चुनाव करीब हैं। ये ऐसा वक्त होता है जब सरकारें जनता का दबाव महसूस करती हैं। जनभावनाओं की सुनवाई करती हैं। सरकार को एहसास होता है कि अगर पिछले चार सालों को की तरह अभी भी आंख-नाक-कान बंद रखे तो सत्ता से बेदखल कर दिए जाएंगे। अपने दर्द को सुने जाने की इसी आस में देशभर से करीब एक लाख किसान-मजदूर राजधानी दिल्ली में डेरा जमा चुके हैं।
29 नवंबर को पांच छोर से प्रदर्शनकारी राजधानी दिल्ली में दाखिल हुए। हर गली- हर सड़क ऐतिहासिक रामलीला मैदान की ओर जा रही है। हाथों में झंडे हैं, नारों की तख्तियां और लबों पर इंकलाबी नारे हैं। ऐसा लगता है इस बार सत्ता को उखाड़कर ही दम लेंगे। सबका दर्द एक है। जिस खेती-किसानी में वो खप रहे हैं उसे फायदे का काम बनाया जाए। इतनी मेहनत के बाद भी कोई भूखा ना मरे। कर्ज के बोझ तले दबकर कोई किसान आत्महत्या ना करे।
उत्तर प्रदेश के भदोही की अनीता बताती हैं कि उनके पास पुश्तैनी कोई जमीन नहीं है। ग्राम पंचायत की जमीन का पट्टा आवंटित हुआ है। दबंग परेशान करते हैं। अनीता को लगता है कि राजधानी दिल्ली की सड़कों पर उनके पैदल मार्च का असर गांव के दबंगो पर होगा और उनकी जमीन मिल सकेगी।
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क्या है वो मांगें जिसे लेकर दूर-दराज के किसान ट्रेन और बसों में लदकर दिल्ली पहुंचे हैं। तमाम सवालों को लेकर लोकमत न्यूज संवाद्दाता आदित्य द्विवेदी ने अखिल भारतीय किसान महासभा के राजा राम सिंह से बात की। राजा राम सिंह ने बताया कि किसानों की दो प्रमुख मांगें हैं- किसानों को कर्ज से पूर्ण मुक्ति और कृषि उत्पाद लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य। देखिए किसानों की मांग और उनका दर्द बयां करती ये विशेष रिपोर्ट-
गुरुवार रात ये सभी प्रदर्शनकारी रामलीला मैदान में जुटे। जहां किसान संध्या का आयोजन किया गया। शुक्रवार सुबह संसद मार्च करेंगे और अपना मैनिफेस्टो जारी करेंगे। अखिल भारतीय किसान सभा के सचिव अतुल कुमार अंजान ने बताया कि शुक्रवार को संसद मार्ग पर आयोजित किसान सभा में आंदोलन का समर्थन कर रहे विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता शिरकत करेंगे। इनमें आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों के भी शामिल होने की संभावना है।