किसान क्रांति यात्रा खत्मः आधी रात को पुलिस ने खोली बेरिकेडिंग, राजघाट से घर वापस लौटे किसान

By जनार्दन पाण्डेय | Published: October 3, 2018 07:51 AM2018-10-03T07:51:36+5:302018-10-03T08:25:23+5:30

Kisan Kranti Yatra Updates:भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि किसान सरकार के आश्वासन से संतुष्ट नहीं हैं। 

Kisan Kranti Yatra ended now, police opens barrier farmer reached rajghat update | किसान क्रांति यात्रा खत्मः आधी रात को पुलिस ने खोली बेरिकेडिंग, राजघाट से घर वापस लौटे किसान

किसान क्रांति यात्रा खत्मः आधी रात को पुलिस ने खोली बेरिकेडिंग, राजघाट से घर वापस लौटे किसान

नई दिल्ली, 3 अक्टूबरः दिल्ली की सीमाओं पर 2 अक्टूबर (मंगलवार) को दिनभर क्रांति का झंडा बुलंद करने वाले भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) की किसान क्रांति यात्रा आधी रात को खत्म हो गई। पुलिस ने दिनभर किसानों को दिल्ली के गाजियाबाद बॉर्डर व पूर्वी दिल्ली के अन्य बॉर्डर पर रोकने के बाद आधी रात ‌को राजघाट जाने के अनुमति दे दी। इसके बाद किसानों ने आंदोलन खत्म कर दिया।

इससे पहले भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि किसान सरकार के आश्वासन से संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम इस पर बातचीत करेंगे और फिर आगे के रुख पर फैसला करेंगे। मैं अकेले कोई फैसला नहीं ले सकता। हमारी समिति फैसला करेगी।’’ 

इससे पहले दिल्ली-उत्तर प्रदेश की सीमा पर हजारों की संख्या में किसान पुलिस के साथ झड़प और अपने खिलाफ बल प्रयोग के बावजूद मांगों को लेकर डेरा डाले रहे। रात होते-होते प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर ही अपने बिस्तर बिछा लिये और सोने का उपक्रम शुरू कर दिया। 

लेकिन रात करीब दो बजे पुलिस ने बेरिकेटिंग हटा और किसानों को उनके गंतव्य राजघाट जाने दिया गया। इसके बाद किसान क्रांति यात्रा को वापस ले लिया गया और सभी किसानों को घर वापस जाने की अपील की गई। इसके बाद रात से ही किसान दिल्ली से वापस लौटने लगे। बुधवार सुबह 7 बजे तक दिल्ली से ज्यादातर किसान लौट चुके हैं। जबकि कुछ अभी दिल्ली के सीमावर्ती इलाकों से निकलने की तैयारी कर रहे हैं।

गाजियाबाद के कौशांबी समेत कई इलाकों में अभी भारी पुलिस बल तैनात हैं। जबकि भारी संख्या में साफ-सफाई कर्मी सड़कें साफ करने में लग गए हैं। किसानों को रास्ते में रोके जाने से रास्तों पर ठीक-ठाक गंदगी फैल गई थी। अब उसकी सफाई की जा रही है। उल्लेखनीय है कि पीएम मोदी इस वक्त साफ-सफाई को लेकर काफी सजग हैं। ऐसे में सकड़ों की सफाई का काम बेहद तेजी से चल रहा है।

प्रदर्शन की पृष्ठभूमि में विपक्ष ने मोदी सरकार पर किसानों के खिलाफ ‘क्रूर पुलिस कार्रवाई’ का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि गांधी जयंती के अवसर पर किसान शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने के लिए राजघाट जाना चाहते थे। वहीं पुलिस का कहना है कि उन्होंने भीड़ को तितर-बितर करने और दिल्ली में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए हल्का बल प्रयोग किया।

प्रदर्शनकारियों में से कई लोगों का कहना है कि वह एक सप्ताह लंबी पदयात्रा में 200 किलोमीटर से ज्यादा लंबी दूरी तय करके हरिद्वार से यहां आए हैं। दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर मौजूद हजारों किसान पूरी तैयारी के साथ आए थे। सैकड़ों ट्रैक्टरों में उनके पास खाना, पानी, बिछावन, जेनरेटर और तमाम अन्य चीजें मौजूद रहे।

3000 पुलिसकर्मियों को किया गया था तैनात

मंगलवार को दिन में महिलाओं और बुजुर्गों सहित तमाम प्रदर्शनकारियों ने बार-बार सड़क पर लगे अवरोधकों को पार करने का प्रयास किया। इस वजह से पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। इसके बावजूद किसान डटे रहे और सरकार तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ नारे लगाते रहे।

दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शनकारी किसानों को राष्ट्रीय राजधानी के पास आने से रोकने और हिंसा की स्थिति पर नजर बनाए रखने के लिए 3,000 से ज्यादा कर्मियों को तैनात किया है। किसानों के प्रदर्शन के कारण लोगों को यातायात की समस्या से भी जूझना पड़ रहा है।

केन्द्रीय कृषि राज्यमंत्री मौके पर पहुंचे

विपक्षी दलों का आरोप है कि प्रदर्शनकारियों को रोक कर सरकार ‘किसान विरोधी’ रुख अपना रही है, वहीं केन्द्र सरकार इसका हल निकालने के लिए रास्ते तलाश रही है। केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में इस संबंध में एक आपात बैठक भी हुई है।

केन्द्रीय कृषि राज्यमंत्री गजेन्द्र सिंह शोखवत प्रदर्शन कर रहे किसानों से मिलने के लिए मौके पर पहुंचे। इस दौरान कुछ किसान समूहों ने कहा कि वे सरकार के आश्वासनों पर विचार करेंगे लेकिन कुछ समूहों ने सरकार के आश्वासनों पर भरोसा करने से साफ इंकार कर दिया।

ये थी किसानों की मांगें

किसान समूहों का कहना है कि वे संतुष्ट नहीं हैं और अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ऋण माफी, फसलों के लिए वाजिब मूल्य और ईंधन की बढ़ती कीमतों से किसानों का बचाव करने की मांग कर रहे हैं।

सरकार ने मंगलवार को घोषणा की कि वह जल्द ही 10 साल से अधिक पुराने डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगाने के राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करेगी और आंदोलनरत किसानों को शांत करने और उनकी चिंताओं को दूर करने के लिए कई अन्य उपाय करेगी।

केंद्र सरकार ने किसानों को यह भी आश्वासन दिया कि वह गेहूं जैसी रबी (सर्दियों में बोई जाने वाली) फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को उत्पादन लागत के कम से कम डेढ़ गुना ज्यादा तय करेगी। वह देश में प्रचुर मात्रा में उत्पादित होने वाली कृषि वस्तुओं के आयात को प्रतिबंधित करने का भी प्रयास करेगी।

सरकारी बयान में कहा गया है कि केंद्र सरकार कृषि संबंधी उत्पादों को पांच प्रतिशत के स्लैब में रखने के लिए जीएसटी परिषद से भी चर्चा करेगी।

आंदोलन करने वाले किसानों की मुख्य मांगों में स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट की सिफारिशों का कार्यान्वयन, 10 साल से अधिक पुराने ट्रैक्टरों के उपयोग पर प्रतिबंध हटाने, गन्ना खरीद के लंबित बकाये का भुगतान करने, आपूर्ति की गई चीनी की कीमत में वृद्धि और न्यूनतम समर्थन मूल्य शामिल हैं।

गाजियाबाद के सभी स्कूल कॉलेज आज रहेंगे बंद

दिल्ली - उत्तर प्रदेश सीमा पर किसानों के प्रदर्शन के दौरान मंगलवार को एक सहायक पुलिस आयुक्त सहित सात पुलिसकर्मी घायल हो गए।

दिल्ली पुलिस ने यहां बताया कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को अवरोधकों को नहीं तोड़ने के लिए मनाने की कोशिश की, तभी भीड़ का एक हिस्सा अचानक हिंसक हो गया। किसान भारतीय किसान यूनियन के मार्च में शामिल हैं।

पुलिस ने बताया कि उन्होंने भीड़ से निपटने के लिए आंसू गैस के 20 गोले छोड़े और पानी की बौछार की। यह जरूरी न्यूनतम बल प्रयोग था।

किसान आंदोलन के मद्देनजर गाजियाबाद के सभी स्कूल और कॉलेज बुधवार को बंद रहेंगे। जिलाधिकारी रितु माहेश्वरी ने मंगलवार को इस आशय का आदेश जारी किया।

माहेश्वरी ने कहा, ‘‘किसान आंदोलन के मद्देनजर एहतियात के तौर पर बुधवार को गाजियाबाद के सभी स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे। हजारों की संख्या में किसान दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर से वापस लौट रहे हैं।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

English summary :
Kisan Kranti Yatra Latest Update: The Kisan Kranti yatra of Bhartiya Kisan Union, who had lifted the flag of revolution all day on October 2 (Tuesday) on Delhi borders, ended at midnight. The police allowed to the farmers to go Rajghat midnight after blocking the Ghaziabad border of Delhi and other borders of East Delhi. After this the farmers finished the agitation.


Web Title: Kisan Kranti Yatra ended now, police opens barrier farmer reached rajghat update

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