नई दिल्ली, 2 अक्टूबर: अपनी परेशानियों और मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसान क्रांति पदयात्रा को दिल्ली और यूपी पुलिस ने कर रोक दिया है। वहीं, प्रदर्शन कर रहे किसानों को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव का समर्थन मिला है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने किसानों को दिल्ली में प्रवेश नहीं देने को लेकर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा 'किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने की इजाजत दी जानी चाहिए। उन्हें दिल्ली में प्रवेश करने की इजाजत क्यों नहीं है? ये गलत है। हम किसानों के साथ हैं।'
वहीं यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा 'सरकार ने किसानों से किए वादे पूरे नहीं किए हैं। इसलिए किसान प्रदर्शन करने को मजबूर हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है और हम किसानों का पूरी तरह से समर्थन करते हैं।'
किसान अपनी परेशानियों और अपनी मांगों को लेकर गांधी जयंती पर राजघाट कूच कर रहे हैं। रहे लेकिन दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारी सुरक्षा बल तैनात कर दिए गए हैं। हरिद्वार से दिल्ली के लिए भारतीय किसान क्रांति (भाकियू) यात्रा समेत किसान क्रांति पदयात्रा में उत्तर भारत के कई राज्यों के किसान शामिल हैं। यह आंदोलन आठ अक्टूबर तक चलेगा।
इधर दिल्ली में में किसानों के पहुंचने की आहट पर सीमाओं पर भारी सुरक्षा व्यवस्था तैनात कर दी गई है। कई जगहों पर रास्ते रोक दिए गए हैं। इससे पूर्वी दिल्ली और गाजियाबाद में भारी जाम लग गया है।
किसान इन मांगों को लेकर अड़े
- किसानों की मांग है कि स्वामिनाथन कमेटी के फॉर्मूले के आधार पर किसानों की आय सी-2 लागत में कम से कम 50 प्रतिशत जोड़ कर दी जाए।
- किसान मांग कर रहे हैं कि फसलों की शत-प्रतिशत खरीद की गारंटी दी जाए।
- वहीं, वे मांग कर रहे हैं कि पिछले 10 सालों में आत्महत्या करने वाले लगभग 3 लाख किसानों के परिवार को मुआवजा के साथ परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए।
- किसानों का सभी प्रकार के कर्ज से पूरी तरह माफ हों।
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में बदलाव किया जाए।
- किसानों को सिंचाई के लिए बिजली मुफ्त में उपलब्ध कराई जाए।
- दिल्ली-एनसीआर में दस साल से ज्यादा पुराने ट्रैक्टरों पर रोक हटा दी जाए।
- किसान क्रेडिट कार्ड योजना में बिना ब्याज लोन दिया जाए।
- महिला किसानों के लिए क्रेडिट कार्ड योजना अलग से बनाई जाए।
- चीनी का न्यूनतम मूल्य 40 रुपए प्रति किलो किया जाए और 7 से 10 दिन के अंदर गन्ना किसानों का भुगतान सुनश्चित किया जाए।
- आवारा पशुओं से किसानों के फसल को बचाने का इंतजाम किया जाए।