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किसान आंदोलन: गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर रैली, बजट के दिन संसद मार्च

By भाषा | Updated: January 25, 2021 22:31 IST

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नयी दिल्ली, 25 जनवरी गणतंत्र दिवस पर भारी सुरक्षा के बीच हजारों किसान अपने ट्रैक्टरों के साथ राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रवेश करेंगे, जबकि किसान संगठनों ने अपनी मांगों को लेकर एक फरवरी को वार्षिक बजट प्रस्तुत किए जाने के दिन संसद की तरफ पैदल मार्च की घोषणा की है।

अभूतपूर्व 'किसान गणतंत्र परेड' सिंघू, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर से दिल्ली में प्रवेश करेगी, जिसके मद्देनजर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।

तीन नए केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठन लगभग दो महीने से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

किसान यूनियनों ने सोमवार को कहा कि राजपथ पर आधिकारिक गणतंत्र दिवस परेड समाप्त होने के बाद ही उनकी ट्रैक्टर परेड शुरू होगी।

उन्होंने दावा किया कि लगभग दो लाख ट्रैक्टरों के परेड में भाग लेने की उम्मीद है।

इस बीच, प्रदर्शकारी किसान संगठनों ने सोमवार को घोषणा की कि वे एक फरवरी को केंद्रीय वार्षिक बजट के दिन विभिन्न स्थानों से संसद की तरफ कूच करेंगे।

क्रांतिकारी किसान यूनियन के नेता दर्शनपाल ने कहा कि प्रदर्शनकारी किसान तीनों नए कृषि कानूनों को रद्द करने की अपनी मांग पर अडिग हैं और मांगें पूरी होने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘हम एक फरवरी को बजट के दिन विभिन्न स्थानों से संसद की तरफ पैदल मार्च करेंगे। जहां तक कल की ट्रैक्टर रैली की बात है तो इससे सरकार को हमारी शक्ति के बारे में एक एहसास होगा और उसे पता चलेगा कि आंदोलन केवल हरियाणा या पंजाब तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे देश का आंदोलन है।’’

दर्शनपाल ने कहा कि प्रत्येक कूच या प्रदर्शन शांतिपूर्ण होगा, जैसा कि अब तक रहा है।

उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ट्रैक्टर परेड के लिए आए किसान अब वापस नहीं जाएंगे तथा प्रदर्शन से जुड़ेंगे। हमारी मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा।’’

तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने और उनकी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी देने की मांग को लेकर हजारों किसान, जिनमें ज्यादातर पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हैं, 28 नवंबर से दिल्ली के कई सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं।

इस बीच, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सोमवार को कहा कि नए कृषि कानूनों को एक से डेढ़ साल तक निलंबित रखने का सरकार का प्रस्ताव एक ‘‘सर्वश्रेष्ठ पेशकश’’ है और उन्हें उम्मीद है कि प्रदर्शनकरी किसान संगठन इस पर पुनर्विचार करेंगे तथा अपने फैसले से अवगत कराएंगे।

सरकार और 41 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच 11वें दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही थी। दसवें दौर की वार्ता में सरकार ने नए कृषि कानूनों को एक से डेढ़ साल तक निलंबित रखने की पेशकश की थी, लेकिन किसान यूनियनों ने इसे खारिज कर दिया था।

सरकार ने यूनियनों से 11वें दौर की वार्ता में प्रस्ताव पर पुनर्विचार करने और अपने निर्णय से अवगत कराने को कहा था।

तोमर ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘सरकार ने किसान यूनियनों को सर्वश्रेष्ठ प्रस्ताव दिया है। मुझे उम्मीद है कि वे आपस में चर्चा कर हमें अपने निर्णय से अवगत कराएंगे। एक बार उनके द्वारा इस बारे में अवगत कराए जाने पर हम इसे आगे बढ़ाएंगे।’’

राजपथ और दिल्ली के अन्य सीमा बिन्दुओं पर हजारों सशस्त्र कर्मी तैनात किए गए हैं तथा गणतंत्र दिवस की परेड और किसानों की प्रस्तावित ट्रैक्टर परेड के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी में बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है।

गणतंत्र दिवस समारोह और किसानों की प्रस्तावित ट्रैक्टर परेड के मद्देनजर राजपथ और राष्ट्रीय राजधानी की कई सीमाओं पर हजारों सशस्त्र सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है। दिल्ली में पहले से बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था का बंदोबस्त किया गया है।

एक अधिकारी ने बताया कि गणतंत्र दिवस समारोह के मद्देनजर निगरानी रखने के लिए करीब छह हजार सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है। संदिग्ध लोगों की पहचान करने के लिए दिल्ली पुलिस की चेहरे से पहचान करने वाली प्रणाली भी उचित स्थानों पर स्थापित की गई है।

उन्होंने बताया कि राजपथ पर लोगों की जांच करने वाले कर्मी पीपीई किट पहने होंगे तथा मास्क एवं फेस शील्ड (चेहरे के आगे शीशा) लगाए हुए होंगे।

मंगलवार को परेड के आठ किलोमीटर लंबे मार्ग पर नजर रखने के लिए ऊंची इमारतों पर शार्प शूटरों और स्नाइपरों को तैनात किया जाएगा।

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गणतंत्र दिवस समारोह और प्रस्तावित ट्रैक्टर परेड के दौरान कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए शहर में और नगर के आसपास पांच स्तरीय सुरक्षा कवर तैनात किया गया है।

नई दिल्ली के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) ईश सिंघला ने कहा कि गणतंत्र दिवस समारोह के लिए राजपथ पर छह हजार से ज्यादा पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है।

उन्होंने बताया कि कोविड-19 प्रोटोकॉल की वजह से राजपथ पर समारोह देखने के लिए सिर्फ 25,000 लोगों को आने की इजाजत होगी। हालांकि हर साल एक लाख से अधिक लोग परेड देखने पहुंचते थे।

सिंघला ने यह भी कहा कि इस साल परेड को छोटा किया गया है। परेड लाल किले तक जाने के बजाय नेशनल स्टेडियम पर ही खत्म हो जाएगी और झांकियां ही लाल किले तक जाएंगी।

डीसीपी ने कहा, "हमने गणतंत्र दिवस परेड मार्ग पर और बाड़ के साथ 140 सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं। हमने राजपथ पर 30 स्थानों पर चेहरे से पहचान करने वाली प्रणाली लगाई है। यह उन स्थानों पर लगाई गई है जहां से लोग प्रवेश करेंगे। "

पुलिस के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, " इस प्रणाली में करीब 50,000 लोगों का डेटाबेस है जिनमें संदिग्ध आतंकवादी, अपराधी व असामाजिक तत्व शामिल हैं। "

किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए कई सीमाओं पर पहले से ही सुरक्षा कर्मियों को तैनात कर दिया गया है।

विशेष पुलिस आयुक्त (खुफिया) दीपेंद्र पाठक ने रविवार को दावा किया था कि टैक्टर रैली में बाधा डालने के लिए पाकिस्तान में 300 से ज्यादा ट्विटर अकाउंट बनाए गए हैं।

दिल्ली पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव ने एक परिपत्र में सभी अधिकारियों और कर्मियों के साथ-साथ गणतंत्र दिवस परेड सुरक्षा इंतजामों के लिए तैनात केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) को निर्देश दिया है कि वे ट्रैक्टर परेड के मद्देनजर कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए विस्तारित तैनाती के लिए तैयार रहें।

पाठक ने प्रेसवार्ता में कहा, ''किसानों की ट्रैक्टर परेड को बाधित करने के लिए पाकिस्तान से 13 से 18 जनवरी के दौरान 300 से भी अधिक ट्विटर अकाउंट बनाए गए हैं। इस संबंध में विभिन्न एजेंसियों से एक ही तरह की जानकारी प्राप्त हुई है।’’

उन्होंने कहा, '' यह हमारे लिए एक चुनौतीपूर्ण कार्य होगा। हालांकि, गणतंत्र दिवस परेड समाप्त होने के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच ट्रैक्टर परेड निकाली जाएगी।''

किसान नेताओं ने ट्रैक्टर परेड में हिस्सा लेने वाले लोगों से अपील की है कि वे 24 घंटे के लिए पर्याप्त राशन लेकर आएं और सुनिश्चित करें कि परेड शांतिपूर्ण रहे।

एक किसान नेता ने कहा, " कोई भी किसी तरह का हथियार न रखे या शराब न पिए। भड़काऊ संदेशों वाले बैनरों की भी इजाजत नहीं है।"

सिंघू बॉर्डर से शुरू होने वाली ट्रैक्टर परेड संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर, बवाना, कुतुबगढ़, औचंदी बॉर्डर और खरखौदा टॉल प्लाजा से गुजरेगी। पूरा मार्ग 63 किलोमीटर लंबा होगा।

किसान नेताओं ने बताया कि दूसरा मार्ग 62 किलोमीटर लंबा होगा। यह परेड टिकरी बॉर्डर से शुरू होगी और नांगलोई, बापरौला गांव, नजफगढ़, झाडौदा बॉर्डर, रोहतक बाईपास (बहादुरगढ़) एवं आसौदा टॉल प्लाजा से गुजरेगी।

गाजीपुर से शुरू होने वाली ट्रैक्टर परेड अप्सरा बॉर्डर, हापुड़ रोड और लाल कुआं से गुजरेगी। यह 68 किलोमीटर का मार्ग तय करेगी जो सबसे लंबा है।

किसान नेता अपनी कारों में सबसे आगे होंगे।

किसान नेताओं ने बताया कि सभी गाड़ियों को वहां लौटना होगा जहां से वे निकले थे। कोई भी बिना कारण के आधे रास्ते में न रूके। हर टैक्टर पर तिरंगा लगा होगा और लोक गीत तथा देश भक्ति के गाने बजाए जाएंगे।

इसके अलावा, दिल्ली यातायात पुलिस ने यात्रियों से उन मार्गों से बचने को कहा है जहां प्रदर्शनकारी किसान गणतंत्र दिवस पर अपनी ट्रैक्टर परेड करेंगे।

संयुक्त पुलिस आयुक्त (यातायात) मीनू चौधरी ने कहा कि पहली रैली सिंघू बॉर्डर से संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर, डीटीयू, शाहाबाद डेयरी, बरवाला गांव, पूठ खुर्द गांव, कंझावला टी-पॉइंट, कंझावला चौक, कुतुबगढ़, औचंदी बॉर्डर और खरखौदा टोल प्लाजा को जाएगी

उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रीय राजमार्ग-44 और जीटी करनाल रोड की ओर जाने वाले यातायात को सिंघू शनि मंदिर, अशोक फार्म / जंती टाल, हमीदपुर, सुंदरपुर माजरा, जिंदोपुर मुखमेलपुर, कादीपुर, कुशक कॉलोनी, मुकरबा चौक और जीटीके डिपो से मोड़ा जाएगा।’’

पुलिस ने कहा कि बवाना रोड की ओर जाने वाले यातायात को जेल रोड, केएनके मार्ग, जी3एस मॉल, मधुबन चौक, रोहिणी पूर्व मेट्रो स्टेशन, रिठाला चौक, पंसाली चौक, हेलीपैड टी-प्वाइंट, उत्सव रोड, डीएसआईआईडीसी रोड सेक्टर -4, नरेला बवाना रोड, चित्रा धर्म कांटा, डीएसआईआईडीसी गोल चक्कर और झंडा चौक से मोड़ा जाएगा।

पुलिस ने बताया कि कंझावला रोड की ओर जाने वाले यातायात को कराला, कंझावला गांव, जाउंटी टोल और कुतुबगढ़-गढ़ी रोड से मोड़ा जाएगा।

चौधरी ने कहा कि किसानों की दूसरी रैली टिकरी बॉर्डर से शुरू होगी और फिरनी रोड, झाडौदा बॉर्डर, रोहतक बाईपास (बहादुरगढ़) और आसोदा टोल प्लाजा छोड़कर नांगलोई, बापरोला गांव और नजफगढ़ से होकर गुजरेगी।

पुलिस ने कहा कि यातायात को विभिन्न बिंदुओं से मोड़ दिया जाएगा।

पुलिस ने कहा कि सोमवार शाम से इन मार्गों पर यातायात का प्रबंधन करने की व्यवस्था की गई है। पुलिस ने कहा कि मोटर चालकों को किसान ट्रैक्टर परेड के मार्गों से बचने की सलाह दी जाती है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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