कांग्रेस को एक और बड़ा झटका, आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी भाजपा में हुए शामिल
By विनीत कुमार | Published: April 7, 2023 12:28 PM2023-04-07T12:28:19+5:302023-04-07T12:45:36+5:30
अविभाजित आंध्र प्रदेश के आखिरी मुख्यमंत्री रहे कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे किरण कुमार रेड्डी भाजपा में शामिल हो गए हैं। पिछले महीने उन्होंने कांग्रेस छोड़ी थी।
नई दिल्ली: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे किरण कुमार रेड्डी शुक्रवार को भाजपा में शामिल हो गए। साल 2014 में तेलंगाना राज्य बनने से पहले तक अविभाजित आंध्र प्रदेश के आखिरी मुख्यमंत्री रहे रेड्डी ने पिछले महीने ही पार्टी नेतृत्व से मतभेदों को लेकर कांग्रेस छोड़ दिया था।
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह और पार्टी के मुख्य प्रवक्ता अनिल बलूनी की मौजूदगी में रेड्डी ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।
दिल्ली में भाजपा की सदस्यता लेने के बाद किरण कुमार रेड्डी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि उन्हें कांग्रेस छोड़नी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास और राष्ट्रीय सुरक्षा के विजन को समर्थन देने के लिए भाजपा में शामिल हो रहे हैं।
#WATCH | "I had never imagined that I'll have to leave Congress...There is a saying- 'My king is very intelligent, he doesn't think on his own, doesn't listens to anyone's advice', "says former Congress leader Kiran Kumar Reddy on joining BJP in Delhi. pic.twitter.com/8s43F09WxK
— ANI (@ANI) April 7, 2023
रेड्डी उस समय भाजपा में शामिल हुए हैं जब अगले साल आंध्र प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं। यहां सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस और मुख्य विपक्षी तेलुगू देशम पार्टी के बीच कड़ा मुकाबला माना जा रहा है। भाजपा को रेड्डी से उम्मीद होगी कि वह रायलसीमा क्षेत्र में भाजपा की उपस्थिति को मजबूत करेंगे।
रेड्डी इसी क्षेत्र से आते हैं और वह उनका काफी प्रभाव माना जाता है। उन्हें भाजपा द्वारा मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में भी पेश किए जाने की संभावना है, जो राज्य में तीसरे विकल्प के रूप में उभरने की कोशिश कर रही है।
सितंबर, 1959 में जन्मे रेड्डी ने 25 नवंबर, 2010 से 01 मार्च, 2014 तक अविभाजित आंध्र प्रदेश के 16वें मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। दो जून, 2014 को तेलंगाना राज्य के गठन से पहले वह संयुक्त आंध्र प्रदेश के अंतिम मुख्यमंत्री थे।