केरल: स्कूल एडमिशन के लिए जरूरी होगा टीकाकरण प्रमाणपत्र, ट्रांसजेंडर के लिए खुलेंगे अस्पताल
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: February 21, 2018 11:35 AM2018-02-21T11:35:10+5:302018-02-21T12:54:18+5:30
केरल की स्वास्थ्य व्यवस्था के अंतर्गत यहां के हर जिले में ट्रांसजेंडर के लिए हॉस्पिटल खुलवाये जाएंगे।
तिरुवनंतपुरम, 21 फरवरीः पांच साल से कम उम्र के बच्चों के लिए केरल सरकार एक नया कदम उठाने जा रही है। केरल के किसी भी स्कूल में अब बच्चे के दाखिले के लिए उसका टीकाकरण प्रमाणपत्र दिखाना जरूरी होगा। मंगलवार को राज्य मंत्रिमंडल द्वारा नई हेल्थ पॉलिसी को सुझाया गया है। स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने बताया कि अगले सत्र से किसी भी स्कूल में दाखिले के लिए बच्चे के टीकाकरण का प्रमाणपत्र दिखाना अनिवार्य होना चाहिए। राज्य मंत्रिमंडल ने इसके अलावा भी बहुत सी स्वास्थ्य योजनाएं पेश की जिनमें उपचार के मानक तरीकों के साथ प्रभावी और सस्ते उपचार पर ध्यान दिया गया है।
ट्रांसजेंडर्स के लिए हर जिले में खुलेंगे अस्पताल
पेश किये गए हेल्थ पॉलिसी में एक और खास बात सामने आई है। केरल की स्वास्थ्य व्यवस्था के अंतर्गत यहां के हर जिले में ट्रांसजेंडर के लिए हॉस्पिटल खुलवाये जाएंगे। केरल की जनसंख्या के दो प्रतिशत लोग दिमाग की बीमारी से भी पीड़ित हैं तथा 12.8 प्रतिशत बच्चे दिमाग की बीमारी के शिकार हैं। इसी के चलते राज्य के हर सरकारी अस्पताल में इनका इलाज संभव हो सकेगा।
गरीबों को ध्यान में रखकर बनाया जाएगा एंटीबायोटिक समिति
एंटीबायोटिक नीति तैयार करने के लिए एक एंटीबायोटिक दिशा-निर्देश समिति का गठन भी किया जाएगा। ये समिति उन दवाइयों का विकल्प सुझाएगी जो बाजारों में बहुत महंगे दामों में मिलते हैं। इस नीति को केरल की कमजोर वर्गों की स्वास्थ्य देखभाल की जरूरतों और प्रवासी श्रमिकों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। स्वास्थ्य मंत्री के के शैलजा ने बताया कि हमारे लिए ये बड़ी चुनौती थी कि एक ऐसी स्वास्थ्य नीति बनायी जाए जो उपचार की नयी तकनीकों से लैस हो और जिसका खर्च भी कम हो, ताकि हम ज्यादा से ज्यादा लोगों के स्वास्थ्य का ध्यान रख सकें। इसमें नयी तकनीकियों के साथ नए मेडिसिन आदि को भी जोड़ा है।
ये भी है खास
1. स्वास्थ्य क्षेत्र में सभी मुद्दों को कवर करने के लिए एक नया केरल लोक स्वास्थ्य अधिनियम पेश किया जाएगा। केरल के अस्पताल से रोजाना 50 टन बायोमेडिकल निकलते हैं, एक केंद्रीय जैव चिकित्सा कचरा उपचार और निपटान की सुविधा स्थापित की जाएगी जो इन कचड़ों को निपटाने का काम करेगी।
2. केरल के राज्य और राष्ट्रीय राजमार्गों में नए ट्रामा सेंटर खोले जायेंगे।
3. केरल में कैंसर रजिस्ट्री का गठन किया जाएगा। जिसमें लैब और इमेजिंग सेक्टरों को सुदृढ़ बनाने के लिए प्रौद्योगिकी परिषद भी गठित होगा।
4. विकलांगों के पुनर्वास के लिए कदम उठाए जाएंगे और स्वास्थ्य संबंधी अन्य मुद्दों को संबोधित किया जाएगा।