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Kerala Flood: केरल बाढ़ को 'राष्ट्रीय आपदा' घोषित करने की उठी मांग, लेकिन नहीं है कोई प्रावधान

By ऐश्वर्य अवस्थी | Updated: August 19, 2018 14:54 IST

Kerala Flood Latest Updates in hindi: केरल में आई 100 साल में सबसे भयानक बाढ़ से हाल बेहाल हैं। अब तक यहां करीब 357 लोगों की मौत हुई है। केरल की स्थिति के लिए हर कोई आगे आ रहा है।

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 केरल में आई 100 साल में सबसे भयानक बाढ़ से हाल बेहाल हैं। अब तक यहां करीब 357 लोगों की मौत हुई है। केरल की मदद के लिए कई राज्य और संयुक्त अरब अमीरात भी आगे आए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी राज्य का दौरा किया है। पीएम ने  केरल के लिए 500 करोड़ रुपये की तत्काल मदद का ऐलान किया है। इससे पहले गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने 100 करोड़ की राशि घोषणा कर दी थी।  लेकिन फिर भी विपक्ष के द्वारा केरल के लिए राष्ट्रपति सहायता की बात की जा रही है। 

यहां 3 लाख से ज़्यादा लोग बेघर हो गए हैं। 20 हज़ार करोड़ की संपत्ति नष्ट हो चुकी है। ऐसे में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि केरल बाढ़ को ‘राष्ट्रीय आपदा’ घोषित करें। लाखों लोगों की ज़िंदगी, आजीविका और भविष्य दांव पर है। राज्य सरकारें और विपक्ष जब भी भयंकर प्राकृतिक आपदा आती है तो उसे ‘राष्ट्रीय आपदा’ घोषित करने की मांग करते आए हैं। ऐसा नहीं है कि राष्ट्रीय आपदा घोषित करते की बाद केवल कांग्रेस ने की हो और भी पार्टी इसको लेकर मांग कर रही हैं।

कब कब उठी ये मांग

2008 में बिहार में  434 लोगों की मौत हुई और 23 लाख लोगों का जीवन प्रभावित हुआ था। इसके बाद 2013 में उत्तराखंड में प्रलय ने हर किसी को झकझोर दिया था। इसमें 5748 लोगों की मौत हुई और 4200 गांव नष्ट हुए। 2014 में कश्मीर बाढ़ के दौरान 277 लोगों की मौत हुई और 2500 गांव नष्ट हुए। 2015 में दक्षिण भारत में  बाढ़ आई थी, उस समय इसमें 500 लोगों की मौत और 20 हज़ार करोड़ की संपत्ति नष्ट हुई थी। 

क्या कहता है प्रावधान

केंद्र सरकार ने इन आपदाओं को 'गंभीर प्रकृति की आपदा' ही माना था, ‘राष्ट्रीय आपदा’ नहीं। क्योंकि डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 में एक प्राकृतिक आपदा को ‘राष्ट्रीय आपदा’ घोषित करने के लिए कोई प्रावधान मौजूद नहीं बताया गया है। गौरबतल है कि इसी साल 24 जुलाई 2018 में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में बताया भी था कि अगर किसी राज्य में प्राकृतिक आपदा आती है तो आपदा प्रबंधन की पहली जिम्मेदारी राज्य सरकारों की होती है। इसके बाद हालात के हिसाब से ज़रूरत होने पर राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया निधि से सहायता दी जाती है। 20 जुलाई 2018 तक केरल को एसडीआरएफ के तहत 214 करोड़ आवंटित किये गए जिसमे केंद्र ने 80.25 करोड़ दिए।

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