तिरुवनंतपुरम, 30 मई केरल की प्रख्यात ‘मैजिक एकेडमी’ के सोमवार को 25 वर्ष पूरे हो जाएंगे। जादुई कला सिखाने वाला यह संस्थान उपमहाद्वीप में अपनी तरह का पहला केंद्र माना जाता है।
जादू को एक प्रदर्शन कला के रूप में बढ़ावा देने और स्थानीय जादूगरों के कल्याण के मकसद से शुरू किए गए इस अनोखे केंद्र की स्थापना प्रख्यात जादूगर गोपीनाथ मुतुकड के संरक्षण में 31 मई, 1996 को यहां की गई थी।
तत्कालीन सांस्कृतिक कार्य मंत्री टी के रामकृष्णन ने पूजापुरा में स्थित संस्थान को जादू पसंद करने वाले लोगों को समर्पित किया था। इसका उद्देश्य विज्ञान के तथ्यों को बरकरार रखना, अंधविश्वासों को समाप्त करना और जादू को एक कला एवं विज्ञान के रूप में लोकप्रिय बनाना था।
प्रख्यात लेखक एवं पूर्व नौकरशाह मलयात्तूर रामकृष्णन अकादमी के संस्थापक संरक्षक थे और उसके बाद नोबेल पुरस्कार विजेता कवि ओ एन वी कुरुप इसके संरक्षक बने।
आम लोगों के बीच में जादुई कला को लोकप्रिय बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले केंद्र ने इसे जादू-टोने से जुड़ी रहस्यमयी कला के टैग से मुक्ति दिलाने में मदद की और साथ ही इससे जुड़े कई अंधविश्वासों को भी समाप्त किया।
जादू की तकनीक सिखाने के अलावा इस अकादमी ने जादू को एक मंच के तौर पर इस्तेमाल कर सामाजिक मुद्दों पर कई जागरुकता कार्यक्रम चलाए।
यहां जारी एक बयान में कहा गया कि मैजिक एकेडमी द्वारा उपलब्ध कराए गए पाठ्यक्रमों को पूरे विश्व में मान्यता प्राप्त है।
प्रसिद्ध फिल्मकार अदूर गोपालकृष्णन वर्तमान में मैजिक एकेडमी के संरक्षक हैं।
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