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कोरोना वायरस के बाद अब जीका वायरस की दस्तक, केरल में 10 मामलों की हुई पुष्टि, जानें पूरा मामला

By दीप्ती कुमारी | Published: July 09, 2021 11:03 AM

कोरोना वायरस महामारी के बीच केरल में जीका वायरस नाम की बीमारी ने भी दस्तक दी है । केरल में इसके 10 मामले सामने आए हैं और यह मच्छर से फैलने वाली बीमारी है ।

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ठळक मुद्देकोरोना वायरस के बीच अब जीका वायरस भी लोगों को परेशान कर रहा है केरल में जीका के 10 मामलों की पुष्टि हुई है , इसके लक्ष्ण बुखार, लाल धब्बे और जोड़ो में दर्द हैगर्भवती महिलाओं के लिए जीका वायरस खतरनाक साबित हो सकता है

तिरूवनंतपुरम : केरल में लोगों को अब जीका वायरस भी परेशान कर रहा है । केरल में इस वायरस के दस मामले सामने आए हैं । न्यूज 18 की खबर के अनुसार, पुणे के नेशनल  इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी को भेजे गए 19 सैंपल्स में से 10 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है । केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि एनआईवी को भेजे गए नमूनों में से हमें 13 की रिपोर्ट पॉजिटिव आने का शक था ।   

तिरुवनंतपुरम से जांच के लिए भेजे गए 19 सैंपलों  में डॉक्टरों सहित 13 स्वास्थयकर्मियों के जीका वायरस संक्रमित होने का संदेह है । तिरुवनंतपुरम के परसैलन जिला के  एक निजी अस्पताल में इलाज करा रही महिला  ने 7 जुलाई को अपने बच्चे को जन्म दिया था और 28 जून को उसे बुखार, सिरदर्द और शरीर में लाल निशान जैसी समस्या होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था । अस्पताल में की गई जांच में महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव आई, जिसके बाद उसके नमूने को एनआईवी भेज दिया गया । 

फिलहाल महिला की हालत स्थिर बताई जा रही है । हालांकि महिला ने हाल ही में कोई यात्रा नहीं की है लेकिन उनका घर तमिलनाडु की सीमा पर है और एक हफ्ते पहले उसकी मां में भी इसी तरह के लक्षण पाए गए थे । आपको बता दें जीका वायरस के लक्षण डेंगू के समान है, जिनमें बुखार, त्वचा पर लाल धब्बे और जोड़ों का दर्द शामिल है ।

डब्ल्यूएचओ के अनुसार, जीका वायरस एक मच्छर जनित फ्लेवीवायरस है, जिसे पहली बार 1947 में युगांडा में बंदरों में पहचाना गया था  । बाद में इसे 1952 में युगांडा और संयुक्त गणराज तंजानिया में मनुष्य में पाया गया था । जीका वायरस रोग का प्रकोप अफ्रीका, एशिया, प्रशांत क्षेत्र में भी पाया गया है ।

हालांकि जीका वायरस से संक्रमित ज्यादातर लोगों में लक्षण नहीं पाए जाते हैं । उनमें से कुछ में बुखार, लाल धब्बे, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द और सिरदर्द जैसी समस्याएं होती हैं और यह आमतौर पर 2 से 7 दिनों तक रहता है ।

मच्छर के काटने यह वायरस अत्यधिक तेजी से फैलता है । मुख्य रूप से एडिट एजिप्टी मच्छर बेहद खतरनाक है , जो डेंगू, चिकनगुनिया, पीले बुखार का भी कारण है। यह वायरस गर्भवती महिलाओं के लिए खतरनाक है । इससे बच्चे में माइक्रोसेफली और अन्य जन्मजात समस्याएं हो सकती हैं । कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच जीका वायरस की दस्तक राज्य के स्वास्थ्य ढांचे को बिगाड़ सकती है । ऐसे में लोगों को अब जीका वायरस से भी सावधान रहने की जररूत है । 

टॅग्स :केरलजीका वायरसकोविड-19 इंडियाकोरोना वायरस
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